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बंसल की कथनी, सीबीआई की करनी- बृजेश सिंह और राहुल कोटियाल

रेलवे रिश्वत कांड में सीबीआई ने फिर से वही किया जिसके लिए वह हमेशा से मशहूर रही है. बृजेश सिंह और राहुल कोटियाल की पड़ताल. बात है चार मई 2013 की. मीडिया में खबर आई कि सीबीआई ने कुछ लोगों को रेलवे बोर्ड के सदस्य के पद पर नियुक्ति के लिए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. इनमें तब के रेलमंत्री पवन बंसल का भांजा विजय सिंघला भी शामिल था. चारों...

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विकास के मॉडल पर कुछ विचार- रविभूषण

र्षों पहले गुन्नार मिर्डल ने ‘एशियन ड्रामा' में लिखा था- ‘औपनिवेशिक सत्ता-व्यवस्था के बिखराव और स्वतंत्र राष्ट्रीय राज्यों के स्वत: उभरने का यह अर्थ नहीं है कि इन भूतपूर्व उपनिवेशों में कोई बड़ा सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन हो.' यह आज भी सच है. स्वतंत्र भारत में कोई बड़ा सामाजार्थिक परिवर्तन नहीं हुआ है. ब्रिटिश शासकों द्वारा निर्मित ढांचा, जिसे बदलने में नेहरू ने 1950-51 में अपनी असमर्थता प्रकट की थी और उस ‘साहस'...

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झूठी, एकतरफा और मनगढ़ंत!-प्रेस काउंसिल बिहार रिपोर्ट ( क्षमा के साथ)

प्रेस काउंसिल बिहार रिपोर्ट क्षमा के साथ भारतीय प्रेस परिषद (प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया) की किसी रिपोर्ट के लिए पहली बार यह विशेषण हमने इस्तेमाल किया कि प्रेस परिषद की बिहार रिपोर्ट झूठी है, एकतरफा है, मनगढ़ंत है या पूर्वग्रह से ग्रसित है. या किसी खास अज्ञात उद्देश्य से बिहार की पत्रकारिता और बिहार को बदनाम करने के लिए यह रिपोर्ट तैयार की गयी है. हम ऐसा निष्कर्ष तथ्यों के आधार पर निकाल...

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612 भारतीयों ने टैक्स हैवन देशों में कर रखा है अवैध निवेश

नई दिल्ली। खोजी पत्रकारों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने \'टैक्स हैवन\' देशों में निवेश और गुप्त वित्तीय लेन-देन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 612 भारतीय समेत दुनियाभर के 1.2 लाख से ज्यादा संस्थाओं, व्यक्तियों, उद्योगपतियों, नेताओं, कॉरपोरेट घरानों, ट्रस्टों ने 170 से ज्यादा देशों में अवैध तरीके से निवेश कर रखा है। ये निवेश मुख्यत: ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, कुक आइलैंड, समोआ जैसे छोट-छोटे...

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मर्ज कुछ इलाज कुछ- मुकेश कुमार

 जनसत्ता 23 मार्च, 2013: भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने पत्रकारों की योग्यता मापने के पैमाने तय करने के जिन उपायों की बात की है उनसे स्वाभाविक ही विवाद पैदा हो गया है। उनके अव्यावहारिक नुस्खों से किसी भी तरह सहमत नहीं हुआ जा सकता। पत्रकारिता में आई गिरावट के लिए जिन चीजों को वे जिम्मेदार बता रहे हैं, उन्हीं से पता चलता है कि वे समस्या...

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