नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा हासिल करने के इच्छुक गरीब छात्रों के लिए एक बड़ी राहत दी है। सरकार ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह ऐसे छात्रों के लिए एजूकेशन लोन पर ब्याज सब्सिडी योजना लागू करें। इस बारे में सभी कामर्शियल बैंकों के प्रमुखों को मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ने पत्र लिखा है। इसमें बैंकों से कहा गया है कि वे इस योजना को लागू करने के लिए...
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एसबीआई ने सस्ते किए बड़े कृषि लोन
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने देश के किसानों को राहत देते हुए उन्हें सस्ते कर्ज की सौगात दी है। इस वर्ष पूरे रबी और खरीफ मौसम के लिए बैंक ने कृषि कर्ज पर अपनी स्कीमों के तहत ब्याज दरों में 2.75 फीसदी तक की कमी करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही छोटी सिंचाई योजनाओं के लिए होमलोन की टीजर स्कीमों जैसी ही एक नई स्कीम...
More »किसानों की आत्महत्याः एक 12 साल लंबी दारूण कथा
कुछ लोगों के लिए किसानी मुनाफे का धंधा हो सकती है, लेकिन देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए यह घाटे का सौदा बना दी गई है. न सिर्फ घाटे का सौदा, बल्कि मौत का सौदा भी. और यह सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि खेती से महज कुछ लोगों का मुनाफा सुनिश्चित रहे. यही वजह है कि खेतिहरों के कर्जे की माफी का फायदा भी आम खेतिहरों को नहीं मिला बल्कि बड़े किसानों को...
More »विदर्भ- राहत पैकेज के चार साल बनाम ४८ घंटे में पांच आत्महत्याएं
अगस्त महीने के आखिरी दो दिनों के अंदर महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में पांच किसानों ने आत्महत्या की है। आत्महत्या करने वाले किसानों उन्हीं जिलों के हैं जिनके लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की गई थी। विदर्भ जनआंदोलन सिमिति द्वारा जारी एक प्रेस नोट के अनुसार विदर्भ में अगस्त महीने के आखिरी ४८ घंटों में सूखे की स्थिति में फसल के मारे जाने से परेशान पांच किसानों ने आत्महत्या...
More »कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
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