इण्डिया और भारत के बीच की गहरी खाई में दो रोटियों के लिए स्कूल पहुंचने वाले बच्चों को पकाने वाले की जाति पर गुस्सा आ जाए यह बात अपने आप में चौंकाने वाली है अब तो मजहब कोई ऐसा भी चलाया जाए जिसमें इंसान को बस इंसान बनाया जाए 84 वर्षीय गीतकार गोपालदास नीरज ने अभी हाल में लखनऊ में अपने एक सम्मान समारोह में जब यह पक्तियाँ गाईं तो समूचा सभागार...
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बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 1
अपनी वीरता और जुझारूपन के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड में कई सालों के सूखे, इसके चलते पैदा कृषि संकट और इनसे निपटने की योजनाओं में भ्रष्टाचार ने पलायन और आत्महत्याओं की एक अंतहीन श्रृंखला को जन्म दे डाला है. - रिपोर्ट रेयाज उल हक बुंदेलखंड को मिले 3,506 करोड़ रुपए के पैकेज से महोबा जिले के पवा गांव की रामकली को समय पर और नियमित रूप से राशन मिल जाने की कम...
More »हरियाणा और पंजाब से लेना होगा सबक
चंडीगढ़ [भारत डोगरा]। आज से चार-पांच दशक पहले हरित क्रांति के नाम पर भारतीय कृषि में बड़े बदलाव हुए तो इनका सबसे बड़ा केंद्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उपजाऊ पट्टी को बताया गया, जहां पानी की भी कोई कमी नहीं थी। इस क्षेत्र को भारत के खाद्यान्न कटोरे के रूप में विकसित करने पर बहुत निवेश हुआ और सिंचाई, रासायनिक खाद आदि व इनसे जुड़ी सब्सिडी का अधिकांश खर्च...
More »बढ़ रहा है जनता में जनाक्रोश
नई दिल्ली [उमेश चतुर्वेदी]। महंगाई की आग के खिलाफ पाच जुलाई के भारत बंद पर कारपोरेट तरीके से मूल्याकन के जरिए भले ही लाख सवाल उठाए जा रहे हों, लेकिन यह सच है कि इस बंद ने महंगाई की आग से झुलस रहे अधिसंख्य भारतीयों के गुस्से और क्षोभ को ही अभिव्यक्ति दी है। इस क्षोभ और गुस्से का महत्व इसलिए कम नहीं हो जाता कि इससे तेरह हजार या बीस...
More »करोड़ों की चीनी गली
भोपाल. अगस्त 2009 में सरकार ने जमाखोरों और व्यापारियों के खिलाफ मुहिम चलाकर शक्कर जब्त की थी। उस समय दावा किया गया था कि इससे आसमान छूती कीमतों में कमी आ जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उलटा प्रदेशभर के अलग-अलग भंडारगृहों में पड़ी यह शक्कर अब खराब हो रही है। इतना ही नहीं मानसून की आमद ने इस खतरे को और ज्यादा बढ़ा दिया है। प्रदेशभर के भंडारगृहों की हालत खराब है...
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