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आत्महत्या करनेवालों में किशोर और युवा सबसे आगे

टूट रही नयी पीढ़ी को सहारा देनेवाली डोर देश की नयी पीढ़ी में तनाव और अवसाद किस कदर बढ़ रहा है, इसका स्पष्ट संकेत लंदन की प्रतिष्ठित पत्रिका लांसेट में छपी ताजा रिपोर्ट से मिलता है. रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश में किशोरों और युवाओं की मौत का अब सबसे बड़ा कारण आत्महत्या है. हालांकि राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े पहले ही बता चुके हैं कि भारत में आत्महत्या करनेवालों...

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गांवों में किफायती व गुणवत्तापूर्ण प्री-स्कूलिंग

यह बात वर्ष 2002 की है़ आइआइटी मद्रास से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर इनफोसिस में नौकरी कर रहे उमेश मल्होत्रा टीवी पर एक डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, जो ग्रामीण परिवेश में रहनेवाले बच्चों की शिक्षा से जुड़ा था़ तब उनके मन में एक विचार आया कि क्यों न ऐसे क्षेत्रों में लाइब्रेरी की शुरुआत की जाये, जिनमें बच्चे अपनी मर्जी से किताबें लेकर उन्हें पढ़ सकें. इस योजना पर...

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जननि सुरक्षा- आखिर किधर जा रहा है समाज

चिंता : शहरों में सबसे ज्यादा गर्भपात 20 वर्ष से कम आयुवर्ग की लड़कियों में मां बनना शायद दुनिया की सबसे अद्भुत नैसर्गिक प्रक्रिया है, साथ में सबसे सुखद एहसास भी. जन्म देने का जिम्मा प्रकृति ने एक औरत को शायद इसीलिए दिया है, िक इस काम के लिए जो साहस और कोमलता चाहिए, वह सिर्फ औरत में ही हो सकती है. तमाम कष्टों के बावजूद एक औरत को सबसे ज्यादा...

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कन्हैया नहीं, जॉब की कमी खतरा-- गुरुचरण दास

भारतीय राजनीतिक जीवन अजीब और विडंबनाअों से भरा है। छात्र नेता कन्हैया कुमार को राजद्रोह और राष्ट्र-विरोधी आचरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी ने उन्हें हीरो बना दिया। इसे असहमति व्यक्त करने की स्वतंत्रता का प्रतीक माना गया। गृह मंत्री ने गिरफ्तारी का यह गलत तर्क देकर बचाव किया कि असाधारण लोकतांत्रिक देश अमेरिका भी राष्ट्र विरोध को सहन नहीं करता। गिरफ्तारी पर लगातार विरोध ने मीडिया का...

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कितने बदल रहे हैं हमारे गांव-- आर विक्रम सिंह

समस्याएं चिह्नित करना एक बात है, समाधान के रास्ते खोजना दूसरी बात। हमारे गांवों में अशिक्षा है, बेरोजगारी है, बीमारियां हैं, जमीनों के विवाद, मुकदमे हैं। जात-पांत की सामाजिक समस्याएं बरकरार हैं। हां, शोषण का वह रंग अब नहीं है, जो प्रेमचंद के उपन्यासों में मुखर होता है। कथित उच्च वर्ग में श्रम से अरुचि, दलित वर्ग में शिक्षा से अरुचि भी वहीं की वहीं है। नगरों की ओर पलायन...

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