बढ़ती आबादी, औद्योगिकीकरण व अन्य कारणों से घटती जमीन, आर्थिक विकास और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के कारण भारतीय कृषि भारी दबाव में है। यह सच है कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। देश की 52 प्रतिशत श्रमशक्ति कृषि तथा इससे जुड़े क्षेत्रों से ही अपना जीविकोपार्जन कर रही है। फिर भी संकट का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में...
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दुख और संघर्षो का बोझ : हर्ष मंदर
पुणे की यरवदा जेल का बैरक नंबर तीन। सूरज की पहली किरणों इसके उदास अंदरूनी अहातों तक पहुंचें, इससे भी पहले एक महिला उठकर काम में जुट गई है। यह उसकी दिनचर्या का एक हिस्सा है। बैरक की ठंडी फर्श पर अब भी 52 महिला बंदी अलसभोर की गहरी नींद में डूबी हुई हैं। सभी के बदन पर हरी साड़ियां हैं, जिनका रंग अब फीका पड़ता जा रहा है। बंदिनियों की यही...
More »छोटी-सी गुड़िया की लंबी कहानी : हर्ष मंदर
हॉलैंड का एक गांव। गिरजे की खिड़कियों से छनकर आ रही दोपहर की नर्म धूप में हम प्रेम के एक चमत्कार के साक्षी हुए। इस कहानी की शुरुआत 24 साल पहले कराची के एक यतीमखाने से होती है। एक परित्यक्त बच्ची सड़क पर जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थी, जिसे यतीमखाने के कर्मचारी अपने यहां ले आए थे। यतीमखाने को एक समृद्ध और दयालु डच महिला संचालित करती थी। उन्होंने...
More »405 में से 404 स्कूल भूले वर्षा का पानी संजोना
वीरेन पराशर, धर्मशाला। प्रदेश सरकार की वर्षा के जल को संजोने की मुहिम पर पानी फेरना सरकारी स्कूलों के लिए महंगा साबित हो सकता है। सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग से स्कूलों में रेन हार्वेस्टिंग टैक निर्माण की रिपोर्ट तलब की है। इस बाबत निदेशालय ने उपनिदेशक कार्यालय को पांच दिन में यह जानकारी जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं। हैरानी यह कि जिला कांगड़ा में इस योजना को...
More »लूट से बेपरवाह- अनुपमा
2,800 करोड़ रु इधर-उधर हो गए और 4,765 करोड़ रू का कोई हिसाब नहीं. झारखंड में कैग की हालिया रिपोर्ट यह भी बता रही है कि यह सब कैसे हुआ. इसके बावजूद सरकार और उससे भी ज्यादा विपक्ष की चुप्पी हैरान करती है. अनुपमा की रिपोर्ट चारा घोटाले के वक्त बिहार में अक्सर कहा जाता था कि नेता-अधिकारी जानवरों का चारा तक डकार गए. पिछले दिनों झारखंड विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट के...
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