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टूटा सपना: कच्चे घर ने छोड़ा साथ तो शौचालय को बनाना पड़ा आशियाना

रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को घर दिलाने के सपने पर पलीता लग रहा है। लोग घर के इंतजार में थक चुके हैं। कइयों के घर एक साल पहले गिर चुके हैं, मरम्मत के लिए पैसे नहीं होने से वे अब खुले आसमान तले जिंदगी बसर करने पर मजबूर हैं। मानवता को झकझोरने वाला मामला राजधानी से लगे धरसींवा ब्लॉक के ग्राम नेऊरडीह में आया है। शिवदास गेडरे का...

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अंधेरी बंद कोठरियों में-- सुभाषिनी सहगल अली

मैं इस लेख की शुरुआत इस बात से करने वाली थी कि साठ बड़े भारतीय अर्थशास्त्रियों ने अरुण जेटली को खुला पत्र लिखकर देश की महिलाओं के स्वास्थ्य और खुशहाली पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने मांग की है कि आने वाले बजट में वह भी इन चिंताओं पर ध्यान दें। ये सब बड़े अर्थशास्त्री हैं और एमआईटी, हार्वर्ड, न्यूयॉर्क विश्वविद्यालयों से लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों में...

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आत्मनिर्भरता के लिए हो महिला रोजगार--- जयश्री सेनगुप्ता

आज युवा बेरोजगारी की बात तो लगभग हर कोई करता है लेकिन महिला रोजगार की बात बहुत कम लोग ही करते हैं। महिलाओं को काम के लिए प्रेरित करने के तो कई तरीके हैं। यह बात उनके अपने लिए भी बहुत फायदेमंद रहेगी और उनके परिवार के लिए भी। हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने ध्यान केंद्रित करने के लिए जिन 10 क्षेत्रों की रूपरेखा तय की...

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अंतहीन कृषि संकट से कैसे उबरें-- देविन्दर शर्मा

देश का 'अन्न का कटोरा' कहा जाने वाला पंजाब कई विरोधाभासों का सामना कर रहा है। जबसे हरित क्रांति की शुरुआत हुई, पंजाब ने साल दर साल रिकॉर्ड स्तर पर अतिरिक्त अनाज का उत्पादन किया, फिर भी यह वर्षों से किसान आत्महत्या के कारण कब्रगाह में तब्दील हो गया है। शायद ही कोई दिन ऐसा जाता होगा, जब पंजाब के अखबारों में किसान आत्महत्या की खबर न छपती हो। पंजाब राष्ट्रीय...

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शेल कंपनी कथा दूसरी कड़ी : काले धन के खिलाफ जंग राजधर्म है-- हरिवंश

राजनीति विचारधारा या भावना से चलती है और अर्थनीति शुद्ध स्वार्थ की नीितयों से. पिछले 60-70 वर्षों में एक तरफ राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग की बात भारत में बार-बार हुई, तो दूसरी तरफ भ्रष्ट ताकतों ने आर्थिक नियमों, कंपनी कानूनों को ऐसा बनाया कि भ्रष्टाचार की जड़ें लगातार मजबूत होती गयीं. शेल कंपनियां ऐसे ही कंपनी कानूनों की उपज हैं, पर आश्चर्य यह है कि 60-70 वर्षों...

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