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अनरियल एस्टेट- हिमांशु शेखर(तहलका)

उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले विकास चौहान जब करीब एक दशक पहले दिल्ली आए तो उनके कई सपनों में से एक यह भी था कि देश की राजधानी में उनका एक अपना आशियाना हो. नौकरी मिली और आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी. प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से दिल्ली में तो कोई मकान उन्हें अपने बजट...

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सुनो, मध्य वर्ग की आहट -शशि भूषण

अन्ना हजारे, सिविल सोसाइटी, सरकार और सर्वोपरि संसद समाजशास्त्री व अर्थशास्त्री जो लोग इन बड़े समाचारों के बीच उनके भीतरी आशय जानना चाहते हैं, उनके के लिए ये सब बहस के मुद्दे हो सकते हैं, किंतु आम लोग, लोकपाल या जन लोकपाल में कुछ फर्क भी है, यह जानने की जरूरत नहीं समझते. उन्हें बस इतना पता चल गया है कि एक पर एक मंत्री एक से आला भ्रष्टाचार के नये कीर्तिमान...

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जब देश डूबें तो कौन बचाए!

नई दिल्ली, अंशुमान तिवारी; वित्तीय दुनिया चाहे जितनी पेंचदार हो, मगर यह हमेशा से एक अलिखित और व्यावहारिक भरोसे पर ही चलती है। रुपये अदा करने का वचन देने वाली कागजी मुद्रा (प्रॉमिसरी नोट) से लेकर अरबों डॉलर के बाडों और शेयरों तक फैला यही भरोसा अब दरकने लगा है। बात लीमन ब्रदर्स या बेरिंग्स नाम के बैंक अथवा एनरॉन या सत्यम जैसी कंपनी से भरोसा उठने की है ही...

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विकासशील देशों का हो ध्यान - जोसफ़ इ स्टिग्लिज

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को नया मैनेजिंग डायरेक्टर उम्मीद से पहले मिल जायेगा. मैं पिछले एक दशक से इस संगठन के गवर्नेस की आलोचना करता रहा हूं. जिस प्रकार इसके प्रमुख का चुनाव होता है, वह संगठन की खामियों को दर्शाता है. संगठन के प्रमुख शेयर धारकों (जी-8) के बीच सहमति है कि आइएमएफ़ का मैनेजिंग डायरेक्टर यूरोपियन, नंबर दो अमेरिकन और विश्व बैंक का प्रमुख भी वही होगा. विकासशील देशों से सिर्फ़ दिखावे...

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विकास रोक देगा यह कालाधन-- अरुण कुमार

आज भारत में लगभग सभी आर्थिक गतिविधियों में अवैध तरीके अपनाये जाते हैं. यह स्थायी और संस्थागत रूप ले चुका है. वर्तमान दशक को घोटालों का दशक कहा जा सकता है. जिन लोगों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उन्होंने बेशर्मी से मामले को अंतिम समय तक दबाने की कोशिश की. चाहे मामला 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन का हो या फ़िर कॉमनवेल्थ घोटाले का. यही वजह है कि सत्ताधारी पार्टियां...

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