नई दिल्ली। सरकार द्वारा आर्थिक आंकड़ों की नई सीरिज पर आधारित थोक मूल्य सूचकांक (डब्लूपीआई) जनवरी 2015 में साढ़े पांच साल के न्यू्नतम स्तर (-) 0.39 फीसदी पर पहुंच गई। जून 2009 के बाद थोक महंगाई का यह सबसे निचला स्तर है। लेकिन आम आदमी का बजट बिगाड़ने वाली खाने पीने की वस्तुओं की कीमतें बढ़ती जा रही हैं और इसके चलते जनवरी में खाद्य महंगाई आठ फीसदी रही। इसके...
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भाषाई मानवाधिकार का मसला - लाल्टू
मराठी साहित्य में अपने योगदान के लिए इस साल ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले भालचंद्र नेमाड़े ने कहा है कि अंगरेजी की वजह से भारतीय भाषाएं खत्म हो रही हैं। वे इससे भी आगे बढ़ कर यहां तक कह गए हैं कि हमें अंगरेजी को हटाने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। सलमान रुश्दी और सर विदिया नायपॉल का जिक्र करते हुए नेमाड़े ने कहा कि भारतीय भाषाओं में जो लिखा...
More »क्या कुपोषण दूर करने में महाराष्ट्र बहुत पीछे है?
महाराष्ट्र में पाँच साल से कम उम्र के एक तिहाई से ज्यादा(34 प्रतिशत) बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और देह की लंबाई के हिसाब से उनका वज़न मानक वज़न से कम है। यह बात हाल के एक अखिल भारतीय सर्वे में सामने आई है। जिलास्तरीय यह सर्वे 18 राज्यों तथा तीन केंद्रशासित प्रदेशों के जिलावार आंकड़ों के अध्ययन पर आधारित है। डिस्ट्रिक्ट लेवल हाऊसहोल्ड एंड फैसिलिटी सर्वे-4 नामक के इस सर्वेक्षण...
More »' पीडीएस में बदलाव से 50 फीसदी लोगों की खाद्य-सुरक्षा पर असर पड़ेगा '
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में किया जाने वाला कोई भी सुधार पर्याप्त सावधानी से किया जाना चाहिए क्योंकि पीडीएस में किये जाने वाले किसी भी बदलाव से कम से देश की 50 प्रतिशत से भी ज्यादा आबादी की खाद्य-सुरक्षा पर असर पड़ेगा। यह बात आर्थिक मामलों में शोध की अग्रणी संस्था नेशनल काऊंसिल ऑफ अप्लॉयज इकॉनॉमिक रिसर्च(एनसीएआऱ) द्वारा हाल ही में जारी एक नोट में कही गई है।(देखें एनसीएआर की नोट की...
More »खाद्य-सुरक्षा: बदले बदले से सरकार नजर आते हैं- चंदन श्रीवास्तव
शांता कुमार की अगुवाई में बीते अगस्त में बनी उच्चस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में तीन ऐसी सिफारिशें की हैं, जो सीधे-सीधे खाद्य-सुरक्षा अधिनियम यानी भोजन का अधिकार कानून में प्रदान की गयी हकदारियों पर चोट करती हैं. केंद्र सरकार सोचती है कि लोक-कल्याण की योजनाओं में भ्रष्टाचार होने से कुछ अच्छा होता है, तो भ्रष्टाचार अच्छा है. योजनाओं में भ्रष्टाचार का होना सरकार को चलती हुई योजनाओं से हाथ खींचने...
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