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बिहार: खेतों में पंजाबी मेहनतकश!

करगहर [रोहतास, सुरेंद्र तिवारी]। अभी तक सूबे के लोग ही पंजाब जाकर खेतों में मेहनत करते थे लेकिन समय के साथ बदली फिजा का असर है कि आज पंजाबी मेहनतकश बिहार के खेतों में पसीना बहाते नजर आ रहे हैं। इन लोगों से सीख लेकर यहां के लोग भी सूबे की उपजाऊ मिट्टी में सुखद भविष्य की कल्पना कर सकते हैं। किसानी की बदौलत कुछ हद तक मजदूरों के पलायन की रफ्तार में...

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धरती कहे पुकार के

ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...

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समेकित कृषि प्रणाली अपनाएं किसान

पटना सूबे की आबादी बढ़ रही है, पर जमीन का रकबा नहीं बढ़ाया जा सकता है। परिवार बंटने से जमीन की जोत घट रही है। ऐसी स्थिति में कम जमीन में अधिक पैदावार की तकनीक अपनाने की जरूरत है। इसके लिए एक एकड़ में एक परिवार के जीविकोपार्जन के लिए समेकित कृषि प्रणाली का तरीका निकाला गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को किसानों से भरे श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित समारोह में ये...

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किसानों की झोली भरने में सक्षम है बेबी कॉर्न

विशिष्ट तरह के मक्के 'बेबी कॉर्न' में किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित होने की पूरी क्षमता है। इसके पीछे ऊंची कीमत और घरेलू व निर्यात बाजार में बेबी कॉर्न की तेजी से बढ़ रही मांग के अलावा और भी कई वजहें हैं। बेबी कॉर्न की फसल काफी कम समय में तैयार हो जाती है और इस तरह एक ही जमीन में तीन से चार फसल आसानी से उगाई जा...

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आँकड़ों में गांव

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अपने 77वें दौर के सर्वेक्षण के आधार पर 10 सितंबर, 2020  को 'ग्रामीण भारत में परिवारों की स्थिति का आकलन और परिवारों की भूमि जोत, 2019' नामक रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट 1 जनवरी, 2019 से 31 दिसंबर, 2019 के बीच किए गए एनएसओ के 77वें दौर के सर्वेक्षण पर आधारित है. इस अवधि के दौरान एनएसओ द्वारा 45000 से अधिक कृषि परिवारों का...

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