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अमीरी रेखा की जरूरत- सुनील

जनसत्ता 12 दिसंबर, 2011 : कुछ माह पहले जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दिया कि शहरों में बत्तीस रु. और गांवों में छब्बीस रु. प्रतिदिन खर्च करने वालों को गरीबी रेखा से ऊपर माना जाएगा, तो देश के संभ्रांत पढ़े-लिखे लोगों में और मीडिया में खलबली मच गई। अहलूवालिया से लेकर जयराम रमेश तक को सफाई में बयान देने पडे। उन्होंने यह...

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निर्धनता का विचित्र पैमाना- संजय गुप्त

उच्चतम न्यायालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की खामियां दूर करने के मामले की सुनवाई के सिलसिले में योजना आयोग के इस हलफनामे ने देश को चौंका दिया कि शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन 32 और ग्रामीण इलाकों में 26 रुपये खर्च करने वाले लोग गरीबी रेखा से ऊपर माने जाएंगे। इस हलफनामे से योजना आयोग के साथ-साथ केंद्र सरकार की भी फजीहत हुई। इस हलफनामे को लेकर सबने सरकार को कोसा।...

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सिर्फ जन लोकपाल से संपूर्ण हल नहीं:रामदेव

हरिद्वार, जागरण संवाददाता: योगगुरु बाबा रामदेव का कहना है कि सिर्फ लोकपाल या जनलोकपाल से देश को नहीं बचाया जा सकता। देश को खोखला कर रही समस्याओं से निजात पाने के लिए उन्होंने सात सूत्रीय एजेण्डा भी पेश किया। जिसे नाम दिया गया 'व्यवस्था परिवर्तन व संपूर्णक्रान्ति। बाबा ने प्रधानमंत्री के सीधे चुनाव की पुरजोर पैरवी करते हुए उन्हें देश की जनता के प्रति जवाबदेह बनाने पर जोर दिया। मंगलवार को...

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छत्तीसगढ़ में एसपीओ और सुप्रीम कोर्ट - कनक तिवारी

जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त होते बी. सुदर्शन रेड्डी और सुरेन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनके अनुसार बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस कर्मी (एसपीओ) को भरती कर मजबूर, गरीब और लगभग अशिक्षित आदिवासी युवकों के हाथों में कथित आत्मसुरक्षा के नाम पर बंदूकें थमा दी गई थीं....

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शिक्षा ढांचे में सुधार की जरूरत : प्रो. अम‌र्त्य सेन

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : देश की शिक्षा में गुणवत्ता का अभाव है। इसमें सुधार की सख्त जरूरत है। चीन, कोरिया, इंग्लैंड की तर्ज पर भारत में भी तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया जाना चाहिए। रोजगारपरक शिक्षा मिलने से देश के युवा सही दिशा में अग्रसर हो सकेंगे। यह विचार इंडिया हैबिटेट सेंटर में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रो. अम‌र्त्य सेन ने व्यक्त किए। प्रो. सेन को राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय...

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