इलाहाबाद : इस बार अन्नदाताओं पर दोहरी मार पड़ रही है। गर्मी के चलते गेहूं की पैदावार मनमाफिक नहीं हुई, उस पर दाने भी पतले हैं। जिन्हें खरीदने के लिये सरकार तैयार नहीं। कृषि विभाग के अफसर भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जनपद में खोले गए 54 गेहूं क्रय केन्द्रों पर सन्नाटा क्यों पसरा है। अगर यही हाल रहा तो आम लोगों को आने वाले दिनों में रोटी के लाले पड़े सकते...
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विवाद के बीज- एक विधेयक बहुराष्ट्रीय निगमों के पक्ष में?
सरकार जिस बीज विधेयक को पारित करने के फिराक में है उसके बारे में सबसे मौजूं सवाल यह है कि क्या इससे किसानों की जीविका का कोई हित सध पाएगा या फिर इस विधेयक के पारित होते ही बीजों के बाजार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए सरपट दौड़ लगाने का रास्ता खुल जाएगा और किसानों के हितों की अनदेखी होगी। नये बिल की मंशा बीजों के बाजार का नियमन करना...
More »बारिश न होने से खेती प्रभावित
कोलकाता। एक तो गर्मी उस पर जल का अभाव, मानों जिलों में किसानों पर कहर टूट पड़ा हो। गर्मी बढ़ने व बारिश नहीं होने से जिलों में धान व सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। जल के अभाव में सब्जियां खेत में ही सूख जा रही हैं, जबकि धान की सिंचाई को भी पर्याप्त जल नहीं मिल रहा है। अत्यधिक गर्मी की वजह से परवल, करैला, झींगा, मिर्च आदि के पौधों के...
More »हमारी खेती अमेरिका से अच्छी- वंदना शिवा
वंदना शिवा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खेती के सवाल पर लगातार लड़नेवाली लड़ाका हैं. वे इंटरनेशनल फोरम आन ग्लोबलाईजेशन की सदस्य हैं. उनसे एक महत्वपूर्ण बातचीत.विस्फोट डाट कॉम से साभार) दूसरी हरित क्रांति की बात हो रही है. आपकी असहमति और सहमति किसरूप में रेखांकित होती है? मैंनेजब 1984 में हरित क्रांति का विरोध शुरू किया था तो इसके पीछे एक मकसद था। कहा जाताथा कि पंजाब में हरित क्रांति से...
More »इसे कहते हैं पत्थर पर दूब उगाना
डोरीगंज, सारण [श्रीराम तिवारी]। अगर मन में हौसला हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। विजय किशोर चौरसिया इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। विपरीत मौसम में देसी तकनीक के सहारे मशरूम का उत्पादन कर वे किसानों के रोल माडल बन गए है। सारण के सदर प्रखंड अंतर्गत भैरोपुर निजामत गांव निवासी यह किसान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान में प्रतिदिन चार से पांच किग्रा मशरूम का उत्पादन कर रहा है। विजय की इस सफलता पर कृषि...
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