मैं हमेशा अचरज में पड़ जाता हूं कि आखिर जिन लोगों के हाथ में सत्ता और अधिकार हैं, वे सिरे से गलत चीजों को दुरुस्त करने के लिए क्यों कुछ नहीं करते? मैं जब स्टूडेंट हुआ करता था, तभी से मैं गुड गवर्नेंस वगैरह के बारे में सुनता आ रहा हूं, लेकिन अफसोस कि तब से लेकर अब तक ज्यादा कुछ नहीं बदला है। दुनिया बदल गई, हालात बदल गए,...
More »SEARCH RESULT
बाधाओं के बावजूद महिलाओं का संघर्ष- ऋतु सारस्वत
देश की हाई कोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश लीला सेठ का यह वक्तव्य हालांकि वर्ष 1978 में घटे एक वाकये का है, परंतु क्या तब से लेकर इस तस्वीर में कोई बदलाव आया है? फोर्ब्स पत्रिका की शीर्ष प्रभावशाली महिलाओं की सूची में चंद भारतीय महिलाओं के चमकते चेहरे बेशक हां में इसका जवाब देने का संकेत करते हैं, लेकिन क्या उंगलियों पर गिनी जाने वाली इन महिलाओं की...
More »विज्ञान से ही सुलझेगी कृषि समस्या --शंथु शांताराम
जिस तरह भुखमरी के कगार पर पहुंच गए देश को 1960 के दशक की हरित क्रांति ने अन्न से संपन्न देश में बदल दिया था, उसी तरह आधुनिक जेनेटिक्स और जेनेटिक इंजीनियरिंग देश की कृषि समस्याओं के खात्मे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। अल नीनो समेत भारत पर पर्यावरण के बदलाव का असर पहले ही दिखने लग गया है, ऐसे में विज्ञान की मदद लेने के अलावा देश के...
More »खरीद के इंतजार में बेहाल गेहूं किसान
बेमौसम बरसात के कहर के बाद केंद्र सरकार ने किसानों के साथ खड़े होने का भरोसा दिया था. गेहूं की खरीद से संबंधित गुणवत्ता नियमों में ढील देने की घोषणा भी हुई थी. पर, इस महीने के शुरुआती कुछ दिनों में गेहूं खरीद गत वर्ष की तुलना में चार फीसदी कम हुई है. खबरों के मुताबिक अब तक 2.17 करोड़ टन गेहूं की सरकारी खरीद हो सकी है, जबकि पिछले साल...
More »घाटे का सौदा नहीं है जीएसटी - सुषमा रामचंद्रन
स्टॉक मार्केट में उथलपुथल का माहौल है और विदेशी निवेशकों की अब मोदी सरकार से ये उम्मीदें टूटने लगी हैं कि वह भारत में बहुप्रतीक्षित आर्थिक सुधारों का पथ प्रशस्त कर पाएगी। पिछले साल नरेंद्र मोदी द्वारा लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से जिन विदेशी निवेशकों ने स्टॉक मार्केट में भरपूर पूंजी लगाना शुरू किया था, अब वे अपना पैसा वापस खींच रहे हैं। वे अतीत की तारीखों से लागू...
More »