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जातीय संरचना, अहिंसा और अंबेडकर-- अजमेर सिंह काजल

आधुनिक काल में ज्योतिबा फुले और बाबा साहेब आंबेडकर ने शासन, सत्ता और संस्कृति के विभिन्न केंद्रों में मौजूद जातीय सैद्धांतिकी को चुनौती देकर ऐतिहासिक कार्य किया। सामाजिक समानता का जो अहसास बाबा साहेब आंबेडकर को संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन में पढ़ते हुए हुआ, वह हमारे लोकजीवन में कहीं नहीं था। इसलिए शिक्षा प्राप्ति के बाद भारत वापस आने पर उन्होंने इसी लोक जीवन में व्याप्त सदियों पुरानी बीमारियों...

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इरोम: कौन सुनेगा 'आयरन लेडी' की दिल की बात

यूँ तो अपने आप में हर प्रेम कहानी अनोखी होती है, लेकिन 16 साल तक भूख हड़ताल करने वाली शर्मिला की प्रेम कहानी कई मायनों में अलग है. भारतीय मूल के ब्रितानी नागरिक डेसमंड कूटिन्हो इरोम की ज़िदंगी में ऐसे समय में आए जब वो दुनिया से अलग-थलग इम्फ़ाल के एक अस्पताल में कई सालों से बंद थीं. शर्मिला से जुड़ी ख़बरों को सालों से कवर रहती रहीं पत्रकार चित्रा बताती हैं,...

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विकास का 'गुजरात मॉडल'!-- अनुज लुगुन

गुजरात में कथित गोरक्षकों द्वारा दलित युवाओं को निर्ममता से पीटे जाने के विरोध में हुए दलितों के आंदोलन ने भारतीय सामाजिक संरचना की विसंगति को फिर से उजागर किया है. जिस तरह से दलितों ने मरी हुई गायों को जिला कलेक्टर के दफ्तर के सामने फेंक कर बहिष्कार का प्रदर्शन किया, उसने फिर से बाबा साहेब आंबेडकर के नेतृत्व में हुए महाड़ आंदोलन की याद दिला दी. लाखों की...

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व्यर्थ न जाए इरोम का संघर्ष- पार्थ उपाध्याय

संघर्ष की बानगी बन चुकीं इरोम शर्मिला भले ही अपने विरोध का तरीका बदल रही हों लेकिन मानवाधिकार और आंतरिक सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में यह बहस अभी बाकी है कि क्या अफस्पा (सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम) में संशोधन किया जाना चाहिए? अफस्पा को स्थायी रूप से हटा देने के लिए वर्ष 2000 में इरोम ने जो अनशन प्रारंभ किया वह आज तक चालू है, लेकिन अब वे अपने विरोध...

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बहुत दूर दिखती है मंजिल, सतत विकास सूचकांक में भारत 110वें स्थान पर

सतत विकास वैश्विक सामाजिक प्रगति रिपोर्ट में भारत के 98वें स्थान (133 देशों में) पर होने की निराशाजनक खबर के बाद अब चिंताजनक सूचना यह आयी है कि सतत विकास सूचकांक में हमारा देश 110वें (149 देशों में) पायदान पर खड़ा है. वर्ष 2030 तक गरीबी, भूख, अशिक्षा से मुक्ति के साथ बेहतर पर्यावरण का वैश्विक लक्ष्य पाने के हमारे प्रयासों पर यह एक गंभीर टिप्पणी है. इस रिपोर्ट की मुख्य...

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