दो और तीन दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात को भोपाल में हुई विश्व की भीषणतम गैस त्रासदी के तीस साल बीत जाने के बावजूद प्रशासन न तो अभी तक इस कांड के मृतकों से जुड़े आंकड़े उपलब्ध करा सका है और न ही इस कांड के लिये जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड परिसर में रखे गये 350 मीट्रिक टन कचरे को ही वहां से हटाया जा सका है। गैर...
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आबोहवा को बचाने की कवायद- कोरल डेवनपोर्ट
दो दशक से अधिक समय से वैश्विक संधि की अनवरत विफल कोशिशों के बाद एक बार फिर उम्मीदों के घोड़ों पर सवार संयुक्त राष्ट्र के वार्ताकार सोमवार से दक्षिण अमेरिका में जमा हुए हैं। उनकी कोशिश यही है कि इस बार बात बन जाए। हालांकि ग्रीन हाउस गैस के मौजूदा उत्सर्जन में कटौती करने संबंधी समझौते के बावजूद वैज्ञानिकों का आकलन है कि दुनिया की आबोहवा तेजी से खराब होती...
More »नरेगा मजदूरों की काली दिवाली- ज्यां द्रेज
कुछ दिन पहले जब दीये और पटाखे की रोशनी से देश जगमगा रहा था तो बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सैकड़ों नरेगा मजदूर ‘काली दीवाली' मनाने के लिए इक्कट्ठा हुए। उन्हें महीनों से मजदूरी नहीं मिली थी। मजदूरी मिलने के इंजतार में थक-हार कर नरेगा मजदूरों ने तत्काल भुगतान की मांग के साथ एक धरने का आयोजन किया। धरने पर बैठे मजदूर ज्यादा कुछ नहीं मांग रहे थे- उन्हें बस...
More »देश की सभी नदियों पर जलमार्ग बनेगा: गडकरी
केंद्र सरकार सड़कों से होने वाली से माल ढुलाई और यात्री परिवहन को देश की नदियों की ओर मोड़ना चाहती है। इसके तहत सरकार छोटी-बड़ी तमाम नदियों पर जलमार्ग बनाने की विस्तृत योजना बना रही है। एयरपोर्ट की तर्ज पर नदियों में वाटर पोर्ट बनाए जाएंगे। जिससे देशभर में सी-प्लेन सेवा को शुरू हो सके। इस योजना से पर्यटन क्षेत्र में अगले पांच साल में 15 लाख नए रोजगार के...
More »संकट का तापमान (संपादकीय, जनसत्ता)
संयुक्त राष्ट्र ने एक बार फिर बढ़ते वैश्विक तापमान और उसके संभावित असर को लेकर आगाह किया है। लेकिन इस मसले पर अलग-अलग समय पर हुए वैश्विक सम्मेलनों के अलावा संयुक्त राष्ट्र के स्तर से जितने भी प्रस्ताव पेश किए गए, उनका हासिल किसी से छिपा नहीं है। संयुक्त राष्ट्र की आइपीसीसी यानी जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी समिति की बैठक पेरू के लीमा शहर में अगले महीने होने वाली है,...
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