विश्व के किसी भी नेता की तुलना में नरेंद्र मोदी शब्दाडंबर, शब्दजाल, शब्द चातुर्य और श्लेष-प्रयोग में अकेले और अनोखे हैं. शब्द क्रीड़ा उन्हें प्रिय है और उनकी वाक्पटुता और शब्दाभिप्राय को बदलने की क्षमता-दक्षता का अन्य कोई उदाहरण नहीं है. 'माणिक' और 'हीरा' दोनों नवरत्न हैं, पर त्रिपुरा विधानसभा की चुनाव-रैली में उन्होंने त्रिपुरा राज्य को 'माणिक' के स्थान पर 'हीरा' की आवश्यकता बतायी. उनके अनुसार, त्रिपुरा की जनता...
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गुजरात में और उलझा निजी स्कूलों की फीस का मुद्दा
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुजरात में निजी स्कूलों की फीस का मामला और उलझ गया है। अदालत के आदेश के बाद स्कूल संचालकों ने अभिभावकों पर अधिक फीस जमा करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। अभिभावक पूर्व में राज्य सरकार द्वारा तय की गई दरों के अनुसार शुल्क देने को राजी हैं, लेकिन स्कूल संचालक सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में उनको परेशान...
More »आदिवासी समाज का वह योद्धा-- रामचंद्र गुहा
जीवनी लिखने की विधा अपने यहां बहुत विकसित नहीं हो पाई है। हम जीवित लोगों की चापलूसी करना तो जानते हैं, पर गुजर चुके लोगों के बारे में अधिकार के साथ लिखने की अंतरदृष्टि विकसित नहीं कर पाए। अतीत से लेकर आज तक के नेताओं पर किताबें मिल जाएंगी, लेकिन उनमें से कुछ ही होंगी, जो साहित्य या पढ़ने लायक किताब होने की शर्त पूरी करें। गोखले पर बी आर...
More »बजट 2018 : मध्य वर्ग खाली हाथ-- आशुतोष चतुर्वेदी
मध्य वर्ग को बजट से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है. इस बजट में मध्य वर्ग की पूरी तरह से अनदेखी कर दी गयी. मध्य वर्ग को आयकर में राहत की उम्मीद थी, लेकिन वित्त मंत्री ने बजट भाषण में आयकर में छूट की सीमा बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया. अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने पिछले तीन वर्षों में आयकर को लेकर...
More »आर्थिक समीक्षा में बजट की झलक-- राजेश रपरिया
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद पेश आर्थिक समीक्षा 2017-18 से उम्मीद जतायी गयी है कि 2018-19 में 7 से 7.5 फीसदी आर्थिक वृद्धि हासिल करने के बाद भारत एक बार फिर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़नेवाली बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा. इस समीक्षा में 2017-18 में 6.75 फीसदी आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है. इससे पहले केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि 6.5 फीसदी रहने...
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