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वायु प्रदूषण को रोकने के लिए 34 फीसदी देशों में नहीं हैं जरूरी कानून

-डाउन टू अर्थ, दुनिया के करीब एक-तिहाई देशों में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जरूरी कानून नहीं हैं। वहीं जिन देशों में इस तरह के कानून मौजूद भी हैं, वहां इनमें और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों में काफी अंतर है। यह कानून काफी हद तक डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी गाइडलाइन्स से मेल नहीं खाते हैं। वहीं करीब 31 फीसदी देश ऐसे हैं जिनके पास इन वायु गुणवत्ता मानकों...

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विमुक्त-घुमंतू जनजातियों का आजादी दिवस और अखबारों का सन्नाटा!

-गांव सवेरा, अंग्रेजी के एक भी अखबार में डिनोटिफाइड ट्राइब्स के आजादी दिवस समारोह को लेकर कोई खबर नहीं है. अंग्रेजी के जिन अखबारों को हमारी टीम ने टटोला उनमें द हिंदू, द इंडियन एक्सप्रेस, द टाइम्स ऑफ इंडिया, द पायनियर, हिंदुस्तान टाइम्स अखबार शामिल रहे. वहीं हिंदी के अखबारों का भी यही हाल रहा.   कल 31 अगस्त को विमुक्त-घुमंतू जनजातियों या डिनोटिफाइड ट्राइब्स (डीएनटी) ने अपना 70वां आजादी दिवस मनाया. हिंदी...

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नवीनतम पीएलएफएस डेटा, विभिन्न प्रकार के श्रमिकों के बीच अल्प-रोजगार और स्वपोषित रोजगार में अवैतनिक सहायकों पर प्रकाश डालता है

आम तौर पर, अर्थशास्त्री एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में एक विशेष अवधि में बेरोजगारी और काम से संबंधित अनिश्चितता की सीमा का आकलन करने के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) और बेरोजगारी दर (यूआर) जैसे संकेतकों का उल्लेख करते हैं. हालांकि, अन्य संकेतक भी हैं, जो रोजगार की स्थिति, आजीविका सुरक्षा और श्रमिकों की बदत्तर स्थिति को बेहतर तरीके से समझने में मदद कर सकते...

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भारत के इन करोड़ों लोगों के लिए 31 अगस्त है आजादी का दिन!

-गांव सवेरा, देश 15 अगस्त को आजादी का जश्न मना चुका है वहीं देश की करीबन 15 करोड़ की आबादी आज दूसरा आजादी दिवस मना रही है. भारत की आजादी की तारीख 15 अगस्त आपके लिए उत्साहवर्धक हो सकती है लेकिन हमारे बीच कुछ ऐसी जनजातियां भी हैं जिनके लिये 31 अगस्त असली आजादी का दिन है, क्योंकि जब पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा हुआ था तो ये लोग...

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यूनेस्को साइंस रिपोर्ट 2021: रिसर्च और टेक्नोलॉजी डेवल्पमेंट भारत का भविष्य तय करेगी!

वैज्ञानिक ज्ञान ने भयानक कोरोनावायरस और इसके प्रसार से निपटने में बहुत मदद की है. रिकॉर्ड कम समय के भीतर, वैज्ञानिकों (वायरोलॉजिस्ट, एपिडेमियोलॉजिस्ट, बायोस्टैटिस्टियन, आदि सहित) और उनके शोध परिणामों ने आम लोगों को यह जानने में मदद की कि SARS-CoV-2 क्या है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है. आम लोगों को अब यह पता चल गया है कि कैसे सरल तकनीक और व्यवहार में...

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