न्यूज़लॉन्ड्री, 11 अगस्त दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क के जैव विविधता संरक्षण के प्रबंधक स्टीफन मिड्ज़ी को लगता है कि नदियों को वैसा ही होना चाहिए जैसी नदियां होती हैं. मिड्ज़ी निर्बाध बहने वाली धाराओं, जो जलीय और स्थलीय जैव विविधता के लिए संपर्क के माध्यम का काम करती हैं, उनको प्राकृतिक स्थिति में रखने की वकालत करते हैं. लेकिन वह यह भी कहते हैं कि वह ‘बांध विरोधी व्यक्ति’...
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छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुए दो संकल्प, क्या हैं इसके मायने
डाउन टूअर्थ, 27 जुलाई बीते रोज यानी 26 जुलाई 2022 को छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही कई मायनों में उल्लेखनीय रही। इस दिन जिस सक्रियता से राज्य के जंगलों, आदिवासी समुदायों, प्रकृति और उनके संरक्षण पर पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों ने बहस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, उसकी सराहना की जानी चाहिए। केवल हसदेव अरण्य से जुड़े हुए करीब 20 प्रश्नों पर चर्चा हुई। इसी दिन विधानसभा ने दो महत्वपूर्ण संकल्प भी...
More »वन संरक्षण अधिनियम में बदलाव, केंद्र वनवासियों की सहमति बिना पेड़ काटने की दे सकता है मंज़ूरी
द वायर हिन्दी, 10 जुलाई वन संरक्षण अधिनियम-2022 के तहत लागू नए नियम बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं के लिए वन भूमि को डाइवर्ट करने की प्रक्रिया को सरल और संक्षिप्त बनाएंगे. इन नियमों के तहत जंगल काटने से पहले अनुसूचित जनजातियों और अन्य वनवासी समुदायों से सहमति प्राप्त करने की ज़िम्मेदारी अब राज्य सरकार की होगी, जो कि पहले केंद्र सरकार के लिए अनिवार्य थी. केंद्र सरकार द्वारा जंगलों को काटने...
More »नदियों को जिंदा रखने के लिए वन जरूरी संपदा
-इंडिया वाटर पोर्टल, नदियों का विकास या कहें कि नदीयों का जन्म अधिकतम वे स्थान रहें जो पहाड़ी, पठारी,ऊंचे भूभाग वाले क्षेत्र जहां वन एवं वन सम्पदा अधिक मात्रा में पाई जाती रही, नदी छोटी हो या बड़ी "नदी ही है"। नदी का अपना महत्व है। नदियों जितने सघन वन व ऊंचे पहाड़ों से धरातल की ओर बहती , उतने ही लंबे समय जलधारा से खुशहाली पैदा करने के साथ वर्ष भर...
More »जम्मू कश्मीर: वन क्षेत्र बढ़ाने के वादे के उलट प्रशासन ने सशस्त्र बलों को अतिरिक्त वन भूमि दी
-द वायर, जम्मू कश्मीर प्रशासन ने साल 2019 से लेकर अब तक 250 हेक्टेयर से अधिक पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील भूमि को सशस्त्र बलों को हस्तांतरित की है. पांच जनवरी साल 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया था. यह कदम हाल ही में सीओपी26 (COP26) जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भारत द्वारा किए गए उस वादे के विपरीत है, जिसमें सरकार ने...
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