पांच वर्षों में 10% परंपरागत ऊर्जा की जगह लेंगे सोलर सिटीज शहरीकरण और आर्थिक विकास की तेज गति ने ऊर्जा संबंधी हमारी जरूरतों को भी बढ़ाया है. इससे ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी बढ़ा है़ ऐसे में दुनिया भर के कई शहरों ने नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन स्तर में कमी लाने के लिए नये लक्ष्य और नीतियां निर्धारित किये हैं. इसी क्रम...
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जल संकट के कारण घटा बिजली उत्पादन
नई दिल्ली। औसत से कम बारिश और ज्यादा गर्मी के कारण पानी की कमी का असर न केवल खेती-बाड़ी और आम जन-जीवन पर हो रहा है, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था इसकी चपेट में आ सकती है। मसलन, इसकी वजह से बिजली उत्पादन घटने लगा है। पानी की कमी के कारण कई थर्मल पावर प्लांट बंद हो गए हैं और कई बंदी की कगार पर हैं। दूसरी तरफ पन बिजली परियोजनाओं पर भी...
More »जलवायु परिवर्तन से सामंजस्य जरूरी- भरत झुनझुनवाला
केन्द्र सरकार ने किसानों के लिये फसल बीमा की नई स्कीम घोषित की है। अनुमान है कि धरती का तापमान बढ़ने के कारण सुनामी, बाढ़, तूफान तथा सूखे जैसे मौसम में उपद्रव बढ़ेंगे। तदनुसार किसानों की समस्यायें बढ़ेंगी। फसल चौपट होने से इन्हें आत्महत्या करने अथवा खेती से पलायन करने को मजबूर होना पड़ेगा। अतः सरकार द्वारा घोषित बीमा योजना सही दिशा में है। हालांकि, कागजी उलझनों के कारण इसके...
More »बड़े उद्योगों को 50 पैसे प्रति यूनिट सस्ती बिजली देने की तैयारी
हरीश दिवेकर, भोपाल। बिजली की उपलब्धता अधिक होने के कारण प्रदेश के बड़े उद्योगों को 50 पैसे प्रति यूनिट सस्ती दर पर बिजली देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए उद्योगों को बिजली खपत कम से कम 5 फीसदी बढ़ाना अनिवार्य होगा। पावर मैनेजमेंट कंपनी (पीएमसी) ने इस संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा है। दरअसल कंपनी ने अगले कई सालों के लिए बिजली खरीदी का अनुबंध...
More »बिजली बेशुमार, नहीं हैं खरीदार
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। राज्यों में बिजली कटौती की समस्या के लिए जो दवा सरकार अभी तक बताती रही है अब वही दर्द का कारण बन गई है। हाल फिलहाल तक केंद्र सरकार राज्यों पर बिजली कंपनियों के साथ लंबी अवधि का खरीद समझौता करने का दबाव बनाती रही है। देश के अधिकांश राज्यों ने दर्जनों बिजली कंपनियों के साथ इस बारे में समझौता भी किया। मोटे तौर पर राज्यों को...
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