शिवपुरी। पेंटा वेलेंट वैक्सीन लगने के बाद शुक्रवार खतौरा निवासी एक और डेढ़ माह के मासूम की मौत हो गई है। इससे पहले सतनवाड़ा में भी एक डेढ माह के बच्चे की मौत पेंटा वेलेंट का टीका लगने के कारण हो चुकी है। एक सप्ताह के अंदर दो बच्चों की मौत के बाद पेंटा वेलेंट वैक्सीन पर जिले में उपयोग पर रोक लगा दी। पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना...
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नसबंदी कांड की कड़ियां- कनक तिवारी
जनसत्ता 17 नवंबर, 2014: बिलासपुर नसबंदी कांड राज्यतंत्र की क्रूरता का बेहद घिनौना उदाहरण है। केंद्र प्रवर्तित और राज्य पोषित नसबंदी कार्यक्रम को लागू करने में इतनी लोकविधर्मी विसंगतियां हैं। पर इन्हें सरकारी अहंकार समझना ही नहीं चाहता। जनसंख्या-वृद्धि पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय शासन ने बरसों से अंतरराष्ट्रीय स्थितियों, समझौतों और समझाइशों के तहत नीतियां बनाने का प्रयत्न किया है। शासन और भद्रलोक के उपचेतन में इस मुगालते...
More »रकम मिलने का लालच देकर बैगा महिला की कर दी नसबंदी!
बिलासपुर (निप्र)। परिवार नियोजन के लक्ष्य को पाने के लिए स्वास्थ्य व मैदानी अमला किस तरह के खेल खेलते हैं, इसका सनसनीखेज खुलासा गौरेला के शिविर में ले जाकर बैगा आदिवासी महिलाओं की कराई गई नसबंदी से हो गया है। ग्लूकोज की बॉटल चढ़ाने पर सरकार की ओर से रकम मिलने का झांसा देकर मितानिन एक बैगा महिला को शिविर ले गई और उसकी नसबंदी करा दी। अब वह सिम्स...
More »सुरक्षा कवच है सीएनटी एक्ट: सोरेंग
रांची: छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) के 106 वर्ष पूरे होने के मौके पर सत्यभारती सभागार, पुरुलिया रोड में ‘भू अधिकार दिवस कार्यक्रम' का आयोजन हुआ. इसमें आदिवासी मामलों के जानकार, अधिवक्ता जेवियर सोरेंग ने कहा कि सीएनटी एक्ट हमारी धरोहर और हमारे पूर्वजों के संघर्ष का परिणाम है. इसके प्रावधान हमारे सुरक्षा कवच हैं. यदि इसमें संशोधन की बात आती है, तो पहले उन लोगों का नजरिया समझना...
More »बड़े सवालों से मुंह छुपाता वाम- उर्मिलेश
चुनावी विफलताओं से उपजी हताशा और अपनी निष्क्रियता के चलते काफी लंबे समय से देश के पारंपरिक वामपंथी दल राष्ट्रीय-चर्चा से लगभग बाहर हैं. इधर, अचानक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी में महासचिव प्रकाश करात और पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी के पक्ष-विपक्ष की दलबंदी के चलते वाम-राजनीति की एक खास बहस सामने आयी है. यह प्रमुखत: गंठबंधन की राजनीति को लेकर है. लेकिन इस बहस में वे सवाल कहीं नहीं...
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