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अब गेहूं की तरह बोया जाएगा धान

बिजनौर [विनोद भारती]। सूखे की मार झेलने वाले वेस्ट यूपी के किसानों के लिए खुशखबरी। अब पानी की कमी से धान की फसल बर्बाद नहीं होगी। साथ ही रोपाई के लिए खेतों में पानी भी नहीं भरना पड़ेगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस नई विधि से पैदावार भी अपेक्षाकृत अधिक होगी। दरअसल, वैज्ञानिकों नेधान को गेहूं की तर्ज पर पंडलिंग विधि से उगाने में सफलता हासिल कर ली है।...

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खेती में असली क्रांति -- देविंदर शर्मा

2010 तो इतिहास बनने जा रहा है. मैं सशंकित हूं कि क्या नया साल किसानों के लिए कोई उम्मीद जगाएगा? अनेक वर्षो से मैं नए साल से पहले प्रार्थना और उम्मीद करता हूं कि कम से कम यह साल तो किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाएगा, किंतु दुर्भाग्य से ऐसा कभी नहीं हुआ. साल दर साल किसानों की आर्थिक दशा बद से बदतर होती जा रही है. साथ ही कृषि भूमि...

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पर्यावरण में बदलाव से खेती को बचाने का प्रयास

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो ]। घरेलू किसानों को पर्यावरण में बदलाव से उनके खेतों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को खत्म करने के लिए सरकार 350 करोड़ रुपये की लागत से एक कार्यक्रम शुरू करने वाली है। इस राशि का इस्तेमाल मुख्य तौर पर बदलते पर्यावरण से कृषि कार्यो पर पड़ने वाले नुकसान और इसका समाधान खोजने में किया जाएगा। इसके तहत देश में कई शोध संस्थान खोले जाएंगे, जो...

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जीएम खाद्य थोपने पर तुली सरकार-रविंद्र गिन्नौरे

1.दुनिया के किसी देश की सरकार ने ऐसी पहल नहीं की, जो हमारी सरकार करने जा रही है. 2.केंद्र सरकार ने स्पष्ट कह दिया है कि जीएम खाद्य स्वास्थ्य को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाते. 3.दूसरी ओर, भारत में जेनेटिक मोडिफ़ाइड फ़सलों के अपशिष्ट को खाकर कई स्थानों पर पशु मारे जा चुके हैं. भारत सरकार जिस तरह जीएम खाद्य फ़सलों को हम पर थोपने पर तुली है वह शंका का कारण...

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बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 2

सही है कि पूरे बुंदेलखंड में लगभग 2 लाख 80  हजार कुओं में से अधिकतर बेकार पड़ गए हैं - या तो मरम्मत के अभाव में वे गिर गए हैं या वे सूख गए हैं- लेकिन थोड़े-से रुपए खर्च करके उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जा सकता है. मगर पंचायतों और अधिकारियों का सारा जोर नए कुएं-तालाब खुदवाने पर अधिक रहता है. एेसा इसलिए होता कि इनमें ठेकेदारों,...

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