सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। सुरक्षा प्रथम, काम हरदम। ...ये ऐसे ‘स्लोगन' हैं, जो हरेक निर्माण स्थल के आसपास हम बडे़-बड़े अक्षरों में लिखा देखते हैं। मगर लगता नहीं कि इन वाक्यों का शब्दश: पालन भी किया जाता है। अगर किया जाता, तो तमाम हादसों से हम अपने आप बच सकते थे। वाराणसी में निर्माणाधीन पुल के गर्डर (भारी बीम) गिरने की घटना भी ऐसी ही है। अगर गर्डर रखने में...
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बदल दिया खेती का पैटर्न, हर माह 30 हजार कमा रही ये महिला
कोतबा, जशपुर (छत्तीसगढ़)। सौर सुजला योजना की प्रेरणा से रोकबहार की दुतिका मरावी ने मिश्रित खेती में कुछ अलग कर दिखाया है। रासायनिक उर्वरकों की जगह देशी गोबर खाद का उपयोग करते हुए जहां गुणवत्तापूर्ण सब्जी उत्पादन को लेकर दुतिका मरावी चर्चित हुई। वहीं तीन फसल कर हर माह वह 30 हजार की आमदनी करते हुए कई लोगों को रोजगार भी दे रही है। जनपद पंचायत पत्थलगांव के ग्राम पंचायत रोकबहार...
More »पुलिस के कामकाज और लोगों में पुलिस की धारणा पर कॉमनकॉज की रिपोर्ट का लोकार्पण
नई दिल्ली, 9 मई: कॉमनकॉज और सीएसडीएस के लोकनीति प्रोग्राम ने आज इंडिया हैबिटेट सेंटर में देश का पहला स्टेटस् ऑफ पोलिसिंग इन इंडिया रिपोर्ट(SPIR 2018) जारी किया. रिपोर्ट के लोकार्पण के बाद ‘जन-केंद्रित पुलिसिंग एवं विधि-व्यवस्था’ पर एक परिचर्चा हुई. परिचर्चा में विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस ए पी शाह, पूर्व डीजीपी तथा इंडियन पुलिस फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री प्रकाश सिंह तथा मानवाधिकारों से जुड़े मामलों की वकील सुश्री...
More »बुजुर्गों की बदहाली-- मणींद्र नाथ ठाकुर
कहा जा रहा है कि दुनिया अब बूढ़ी हो रही है. पचास के दशक की तुलना में 21वीं शताब्दी में साठ साल से ऊपर की उम्र के लोगों की संख्या तीन गुनी ज्यादा हो जायेगी. भारत में भी लगभग आठ प्रतिशत जनसंख्या साठ से ऊपर है, बिहार जहां अपेक्षाकृत युवा ज्यादा हैं, वहां भी यह प्रतिशत सात से कम नहीं है. लेकिन दुनिया के विकसित देशों की तरह भारत में...
More »मीडिया की आजादी के सवाल-- एम वेंकैया नायडू
जानवर और इंसान में यही फर्क है कि इंसान कुछ नियमों से संचालित होता है, जो व्यवस्थित जीवन की जरूरी शर्त है, अन्यथा तो एक जंगल राज होगा, जहां बलशाली ही राज करता है। व्यवस्थित जीवन का मतलब है, एक तरह का संवाद संतुलन, जो किसी एक घटक को किसी भी स्तर पर निरंकुश होने का अधिकार नहीं देता। आजादी कैसी भी हो, आत्मसंयम मांगती है। भारतीय संविधान कुछ मौलिक...
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