जनसत्ता 4 जनवरी, 2012: पिछले करीब पंद्रह दिनों में एक युवा विमर्श प्रकट हुआ है, जो कई वजहों से ऐतिहासिक है। उसके कारक, लक्ष्य और परिणाम नए हैं। वह प्रकटत: स्वत:स्फूर्त स्वभाव से असंगठित और अराजनीतिक प्रतीत होता है। वह ‘परदुख कातर’ है। पुलिस प्रशासन और सत्ता से अन्याय के बरक्स न्याय के सवाल कर रहा है। वह बर्बरता के विरोध में है। वह एक ऐसा नागरिक समाज चाहता है, जिसमें...
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प्रतिरोध का कारवां- भारत डोगरा
जनसत्ता 7 नवंबर, 2012: यूपीए सरकार ने जिस तरह खुदरा कारोबार में विदेशी निवेश को आगे बढ़ाने की जिद पकड़ी है उसकी ठीक ही व्यापक आलोचना हुई है। कोई ठोस प्रमाण दिए बिना ही सरकार ने कह दिया कि इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा, जबकि हकीकत इसके विपरीत है। कुछ समय के लिए खुदरा में बहुराष्टÑीय कंपनियों का प्रवेश जरूर चकाचौंध उत्पन्न कर सकता है, पर शीघ्र ही यह स्पष्ट...
More »इरोम के सशस्त्र कानून के खिलाफ अनशन के 12 साल
मणिपुर में सशस्त्र कानून के खिलाफ 12 साल से अनशन कर रही इरोम शर्मिला अहिंसक प्रतिरोध की जीती जागती मिसाल हैं। इतनी लंबी भूख हड़ताल का दुनिया भर में दूसरा उदाहरण नहीं है। हालांकि सरकार ने उन्हें आत्महत्या करने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार कर रखा है। इंफाल के जवाहर लाल नेहरु अस्पताल का एक सीलन भरा कमरा ही उनकी जेल है। उन्हें नाक के रास्ते लगातार तरल पदार्थ...
More »गया वो जमाना! अब च्यवनप्राश खाने से नहीं मिलेगी शक्ति
ग्वालियर। च्यवनप्राश की शक्तियां कमजोर पड़ती जा रही हैं। ऐसा च्यवनप्राश के निर्माण में प्रयोग होने वाली 54 औषधियों में से कई के विलुप्त होने की वजह से हो रहा है। नई दिल्ली स्थित केंद्रीय आयुर्वेद विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने देश के सभी 32 केंद्रीय आयुर्वेद रिसर्च सेंटरों के डायरेक्टर्स और आयुर्वेद कॉलेजों को पत्र लिखा है। इसमें उन्हें आगाह किया गया है कि अष्ट वर्ग (आठ औषधियों का समूह) की...
More »'मुझे ईश्वर से काफी मानसिक शक्ति मिली है'- ईरोम शर्मिला
मणिपुर में लागू सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) नाम का कठोर कानून हटाने को लेकर इरोम शर्मिला का आमरण अनशन अपने बारहवें वर्ष में प्रवेश कर चुका है. सालों के उपवास का असर उनके क्षीण शरीर पर साफ दिखता है. इसके बावजूद उनकी दृढ़ता और अपने उद्देश्य के प्रति उनके समर्पण में जरा भी कमी नहीं आई है. उर्मि भट्टाचार्य के साथ हुई उनकी बातचीत के अंश बारह साल से आपने अन्न-जल त्याग...
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