कहते हैं लोक सभा न विधान सभा, सबसे ऊंची ग्राम सभा. इस बात को ओड़िशा के नियमगिरि पहाड़ पर खनन रोकने से संबंधित ग्राम सभा के फैसलों ने और पुष्ट किया है. वेदांता जैसी बड़ी वैश्विक कंपनी को ग्राम सभा के फैसलों के आगे झुकना पड़ रहा है. मगर अपने राज्य झारखंड में गांव के लोगों ने अब तक ग्राम सभा की ताकत को नहीं पहचाना है. पंचायती राज के हक...
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नियमगिरि के हकदार- कमल नयन चौबे
जनसत्ता 2 अगस्त, 2013: नियमगिरि में खनन की इजाजत देने की बाबत सर्वोच्च न्यायालय ने अठारह अप्रैल को दिए अपने फैसले में ग्रामसभा की मंजूरी लेने का आदेश दिया था। इस फैसले और इसके बाद के घटनाक्रम ने जल, जंगल, जमीन पर स्थानीय समुदायों के हक की लड़ाई के कई विरोधाभासों और उपलब्धियों को उजागर किया है। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की मनमानी व्याख्या करते हुए ओड़िशा...
More »आपदा का खनन- राहुल कोटियाल
उत्तराखंड जैसी आपदा से सहारनपुर कोई सबक लेने को तैयार नहीं. यहां प्रभावशाली लोगों की छत्रछाया में खुलेआम अवैध खनन का खतरनाक खेल खेला जा रहा है. राहुल कोटियाल की रिपोर्ट. उत्तराखंड में आई आपदा से हुए नुकसान का आकलन अब भी जारी है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इस हादसे में मरने वालों की संख्या लगभग एक हजार के आस-पास है. लेकिन स्थानीय नागरिकों और इस हादसे से बचकर आए...
More »पारदर्शिता का पैमाना और पार्टियां- शीतला सिंह
जनसत्ता 11 जून, 2013: केंद्रीय सूचना आयोग ने अपने एक फैसले में राजनीतिक दलों को सूचना आयोग कानून के तहत जवाबदेह माना है। आयोग की पूर्णपीठ ने राजनीतिक दलों का यह तर्क नहीं स्वीकार किया कि वे सरकारी सहायता से चलने, उनसे अनुदान प्राप्त करने वाले संगठन नहीं हैं इसलिए वे इस कानून से मुक्त हैं। केंद्रीय सूचना आयोग का मानना है कि वे केंद्र सरकार की ओर से परोक्ष...
More »विश्वास जीते बिना हल नहीं- सुदीप श्रीवास्तव
दरभा घाटी में जिस तरह नक्सलियों ने कार्रवाई की है, उसके कई आयाम दिख रहे हैं। इससे पहले राजनेताओं पर इतने बड़े पैमाने पर नक्सलियों ने आक्रमण नहीं किया था, फिर इस घटना ने नक्सलियों की रणनीति को भी उलझा दिया है। नक्सल विरोधी आंदोलन के अगुवा रहने के कारण महेंद्र कर्मा की हत्या की वजह तो दिखती है, पर प्रत्यक्ष रूप से कोई रिश्ता नहीं होने के बाद भी नंद कुमार...
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