र्जिलिंग पिछले छह वर्षों से शांत था, किंतु वहां राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित करने और बांग्ला भाषा संबंधी पश्चिम बंगाल सरकार की अधिसूचना जारी होते ही यह पहाड़ी क्षेत्र उबलने लगा। तकरीबन पखवाड़े भर से जारी आंदोलन के रुकने की उम्मीद दूर-दूर तक नहीं दिख रही है, क्योंकि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने पर्वतीय क्षेत्र से पुलिस बल व सेना हटाने और अलग गोरखालैंड राज्य बनाए जाने तक जंगी आंदोलन...
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गंदा पानी और बैक्टीरिया से बिजली पैदा कर जलाया बल्ब
रायपुर। राज्य में तेजी से बढ़ते औद्योगिकीकरण के बीच निकल रहे गंदे जल को संभालना, उसका उपचार और निपटान करना सरकार के लिए चुनौती है। ऐसे में पं. रविशंकर शुक्ल विवि के बायो टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने इसके इस्तेमाल का अनोखा फॉर्मूला खोजा है। गंदे पानी में पनप रहे बैक्टीरिया में ऐसे इलेक्ट्रो बैक्टीरिया की खोज करके जैव बिजली उत्पन्न की है, जो कम लागत में महीनों तक बिजली पैदा करता है।...
More »जड़ों से उखड़ते लोग-- डा. सैय्यद मोबीन जेहरा
कहते हैं कि सब कुछ टूट जाये तो कुछ नहीं होता, लेकिन अगर आपके सपने टूट गये, तो आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है. इसलिए सपने देखना बहुत जरूरी है. अपना देश, अपनी जमीन, अपने लोग, अपनी भाषा, अपना माहौल हमारे जीवन में विशेष महत्त्व रखते हैं. लोग अपने भविष्य को लेकर हसीन सपने बुनते हैं और उनको हासिल करने के लिए कोशिश भी करते हैं. लेकिन, क्या आपने...
More »सुलगते दार्जिलिंग की राजनीति-- हरिराम पांडेय
पर्यटन के लिए विख्यात दार्जिलिंग में चार दशक पुराना गोरखा आंदोलन फिर से भड़क उठा है। भाषा के नाम पर एक पखवाड़े से चल रहा यह आंदोलन दबने का नाम नहीं ले रहा। दबाने के सरकारी प्रयास आग में घी का काम कर रहे हैं। इस इलाके की सबसे बड़ी पार्टी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा नेपाली भाषियों के लिए अलग राज्य की मांग कर रही है। इस आंदोलन से उत्तर बंगाल...
More »जनसंख्या नियंत्रण की चुनौती-- बालमुकुंद ओझा
आज विश्व की जनसंख्या सात अरब से ज्यादा है। अकेले भारत की जनसंख्या सवा अरब से अधिक है। भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। आजादी के समय भारत की जनसंख्या तैंतीस करोड़ थी, जो आज चार गुना तक बढ़ गई है। परिवार नियोजन के कमजोर तरीकों, अशिक्षा, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के अभाव, अंधविश्वास और विकासात्मक असंतुलन के चलते आबादी तेजी से बढ़ी है। संभावना है...
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