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भारत की खरबों डॉलर की संपदा झुग्गियों में बंद पड़ी है, उन्हें मुक्त करने का समय आ चुका है

भारत में हर साल रोज़गार की लाईन में लगने वाले 70 से 80 लाख लोगों को नौकरी देने के लिए जीडीपी की वृद्धि दर को 10 प्रतिशत से ऊपर ले जाना होगा और इसके लिए चाहिए अगले पांच वर्षों तक सालाना एक खरब डॉलर का निवेश. इतनी बचत करना और उससे भी ज़्यादा ज़रूरी, इस पूंजी का उद्यमियों द्वारा लाभदायक इस्तेमाल सुनिश्चित करना एक दुष्कर कार्य है. लेकिन जैसा कि पेरू...

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कहां ले जाएगी जल की अनदेखी -- रामचंद्र गुहा

बहुत साल हो गए, जब मेरा सामना पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारी की चौंकानी वाली परिभाषा से हुआ था, ‘हम एक सीमित क्षेत्र के भीतर से जो कुछ भी चाहते हैं, उसका उत्पादन करते हैं, तो हम उत्पादन के तरीकों की निगरानी की स्थिति में होते हैं; जबकि अगर हम पृथ्वी के किसी अन्य छोर से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, तो वहां उत्पादन की स्थितियों की गारंटी देना हमारे लिए...

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एडिटर्स गिल्ड ने की वित्त मंत्रालय में मीडिया पर पाबंदी की आलोचना, कहा- वापस लें आदेश

नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ने नॉर्थ ब्लॉक में मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से लगाई गई बंदिशों को मीडिया की आजादी का गला घोंटना करार दिया और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह ‘मनमाना फैसला' वापस लेने की अपील की. हालांकि, इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय से मंगलवार को जारी स्पष्टीकरण में कहा गया था कि वित्त मंत्रालय के भीतर मीडियाकर्मियों के प्रवेश...

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पूर्वोत्तर की भीतरी और बाहरी विडंबनाएं- रामचंद्र गुहा

विडंबना और शायद त्रासदी यह है कि हमारे देश के सबसे खूबसूरत हिस्से संघर्ष और हिंसा से सबसे ज्यादा ग्रस्त हैं। इसमें कश्मीर घाटी, मध्य भारत (विशेषकर बस्तर) के जंगल, और पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं। मानवशास्त्री वेरियर एल्विन की धारा का अनुकरण करते हुए 1990 के दशक में मैंने पूर्वोत्तर का दौरा किया था। एल्विन इंग्लैंड में जन्मे और पढ़े-लिखे थे, युवा वय में भारत आए, तो फिर नहीं...

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जीरो बजट कृषि का विचार नोटबंदी की तरह घातक है- राजू शेट्टी

शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को लेकर एक स्वाभाविक आकर्षण है क्योंकि यह कृषि जैसे मुश्किल व्यवसाय को सरलता से प्रकट करता है। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि में जोखिम कम होता है और पूंजी की आवश्यकता नहीं के बराबर होती है। इसे विदर्भ के किसान नेता सुभाष पालेकर द्वारा गढ़ा गया है जिन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को वैसा ही स्थान मिला...

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