कृषक जातियों में बेचैनी तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि खेती-किसानी अब मुनाफे का काम नहीं रही। उनके बच्चों के पास तकनीकी तालीम भी नहीं है, जिससे वे नए जमाने की नौकरियां पा सकें। ऐसे में राजनीतिक दांव-पेच उन्हें और अधीर कर रहे हैं। जाति-युद्ध की तरफ बढ़ती आग को रोकने के लिए फौरन कदम उठाए जाने चाहिए। हाल के घटनाक्रमों पर पेश है वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी का विश्लेषण पिछले...
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सूखा और जल संसाधन प्रबंध-- बिभाष
महाराष्ट्र फिर सूखे के चपेट में है. बुंदेलखंड पहले से ही समाचारों में बना हुआ है. खेती और किसानों को लेकर रोज बुरी खबरें आ रही हैं. महाराष्ट्र में पानी की कमी का लगातार तीसरा साल है. बुंदेलखंड में भी सूखे का चौथा साल चल रहा है. खेती बुरी तरह से संकट में है. दरअसल, पूरा मामला जल और भूमि के कुप्रबंध का है. देश में हर साल कहीं...
More »महाराष्ट्र में 2015 में की 3,228 किसानों ने आत्महत्या, 14 वर्षो में सर्वाधिक
मुंबई। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष महाराष्ट्र में कम से कम 3,228 किसानों ने आत्महत्या की है जो विगत 14 वर्षो में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि खेती को लाभप्रद बनाने और कृषि संकट के कारण किसानों की आत्महत्याओं को रोकने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारें दोनों विभिन्न योजनाओं को लागू कर रही हैं। सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया...
More »जरूरी है किसानों की आय बढ़ाना --- देविन्दर शर्मा
भारत के 17 राज्यों में खेती से एक किसान की औसत आय 20 हजार रुपये सालाना है. इसमें उत्पादन का वह अंश भी शामिल है जिसे वह पारिवारिक उपभोग के लिए रखता है. दूसरे शब्दों में, इन राज्यों में किसान की औसत मासिक आय महज 1,666 रुपये है. जी हां, आपने सही पढ़ा. महज 1,666 रुपये. इस तस्वीर में आप खुद को रख कर देखें. अगर आप किसान होते और...
More »बजट 2016 : सरकार ने कहा विकास-बजट, नागरिक संगठनों ने 'किसान-विरोधी'
बजट-2016 को सरकार ने विकास का बजट कहा और अखबारों ने सुर्खियां लगायीं-- ‘नमो ! ग्राम देवता’, ‘किसानों, गरीबों का बजट’, ‘अबकी बार, गांव चली सरकार’, ‘मेरा गांव, मेरा देश’! लेकिन किसानों और वंचित तबके के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे नागरिक संगठनों की राय एक अलग ही कहानी बयां करती है. सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के ग्रामीण परिवारों की भुखमरी की स्थिति पर अपने सर्वेक्षण और हालात में फौरी राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट...
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