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नोटबंदी: अर्थशास्‍त्री ने तंज मारते हुए लिखा- दूसरे देश ले सकते हैं ये चार सबक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले साल लागू की गयी नोटबंदी के पक्ष-विपक्ष में बहसों का दौर अभी थमा नहीं है। पीएम मोदी ने आठ नवंबर 2016 को तत्काल प्रभाव से उसी रात 12 बजे से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा की थी। नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर अमेरिका के टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री भास्कर चक्रवर्ती ने हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू में मोदी...

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अर्थव्यवस्था को संजीवनी का मंत्र - डॉ. भरत झुनझुनवाला

सरकार की पुरजोर कोशिश है कि भारत वैश्विक विनिर्माण का गढ़ बन जाए। इसके लिए 'मेक इन इंडिया के तहत बहुराष्ट्रीय कंपनियों को देश में फैक्ट्रियां लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि रोजगार के अवसर सृजित हों और लोगों की आमदनी बढ़े। इस दिशा में सरकार ने दो महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पहला कदम वित्तीय घाटे पर नियंत्रण का है। सरकार द्वारा आय से अधिक खर्च करने...

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झारखंड: भुखमरी से मौत, सरकार का इनकार और फैक्ट फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट

बस सवा साल के भीतर झारखंड के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री सरयू प्रसाद के लिए वक्त का पहिया जैसे पूरा उल्टा घूम गया है.   बीते साल जून महीने में उन्होंने कहा था-"जिनका आधार कार्ड नहीं है, वे इस महीने अपना आधार कार्ड बनवा लें, नहीं तो सरकार ऐसे लोगों के बने राशन कार्ड को रद्द करेगी. कम से कम राशन कार्ड में दर्ज परिवार के किसी व्यक्ति का आधार कार्ड बनवा...

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संस्थाओं को सुदृढ़ करने का वक्त - डॉ. भरत झुनझुनवाला

अर्थशास्त्रियों में इस बात को लेकर सहमति बन रही है कि आर्थिक विकास की असल कंुजी देश की संस्थाओं में निहित है। सस्ते श्रम से आर्थिक विकास हासिल होना जरूरी नहीं है। जापान में श्रम महंगा है, फिर भी आर्थिक विकास में वह देश आगे है। आवश्यक नहीं कि प्राकृतिक संसाधनों जैसे कोयले अथवा तेल के जरिए भी विकास हासिल हो ही जाए। सिंगापुर में प्राकृतिक संसाधन शून्यप्राय हैं, फिर...

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लोगों की निराशा का कारण-- एम के वेणु

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के हाल में आये कंज्यूमर कांफिडेंस सर्वे से यह बात सामने आयी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर लोगों में एक प्रकार का नैराश्य भाव है.   इसी साल कुछ महीने पहले भी आरबीआइ ने एक ऐसा ही सर्वे किया था, जिसमें उसने पाया था कि बेरोजगारी और अपनी आय को लेकर आम आदमी में निराशा की भावना साल 2013-14 में खराब अर्थव्यवस्था के मुकाबले कहीं ज्यादा प्रबल...

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