महाराष्ट्र फिर सूखे के चपेट में है. बुंदेलखंड पहले से ही समाचारों में बना हुआ है. खेती और किसानों को लेकर रोज बुरी खबरें आ रही हैं. महाराष्ट्र में पानी की कमी का लगातार तीसरा साल है. बुंदेलखंड में भी सूखे का चौथा साल चल रहा है. खेती बुरी तरह से संकट में है. दरअसल, पूरा मामला जल और भूमि के कुप्रबंध का है. देश में हर साल कहीं...
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ओलावृिष्ट से 80 फीसदी चाय की फसल को नुकसान की आशंका
सिलीगुड़ी: पहले से ही बदहाली की मार झेल रहे चाय बागानों को एक और परेशानी का सामना करना पड़ा है. गुरुवार को अचानक आयी बारिश व ओलावृष्टि ने दार्जिलिंग तथा इसके आसपास के चाय बागानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. एक अनुमान के मुताबिक चाय के फसल को करीब 60 से लेकर 80 प्रतिशत का नुकसान पहुंचा है. हैप्पी वैली, पानदाम, कुसुमबैंक, रागेरूग व रिसिहाट चाय बागान को ओले पड़ने...
More »झारखंड में, गरमी में पानी के लिए तरसेंगे लोग
रांची. सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट (2013-14) में कहा गया है कि झारखंड में वर्तमान रफ्तार से भूगर्भ जल का दोहन होता रहा, तो भविष्य में पानी मिलना मुश्किल हो जायेगा़ अगले एक दशक में रांची में भूगर्भ जल खत्म हो जायेगा. राज्य में हर साल औसतन 1400 मिमी बारिश होती है, पर जलस्तर औसतन छह फुट कम हो रहा है. 80% जल बेकार बह रहा है. बोर्ड...
More »संवेदनशील बने मुआवजे का तंत्र- योगेन्द्र यादव
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में किसान ओलावृष्टि का मुआवजा मांगने कलेक्टर के पास गए। मुआवजे के बदले उन्हें मिली गालियां और गिरफ्तारी की धमकियां। इसमें कुछ नई बात नहीं है। किसानों को आए दिन सरकारी दफ्तरों में अपमान झेलना पड़ता है। नई बात सिर्फ यह थी कि इस घटना का वीडियो बना और टी.वी. पर चल गया। इस बहाने देश का ध्यान रबी की फसल के नुकसान और मुआवजे की...
More »फसलों का नुकसान: मुआवजा पाने में कितने पेंच
क्या बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से गेहूं और चने जैसे महत्वपूर्ण रबी-फसल के नुकसान की मार झेल छह राज्यों के किसानों को इतना मुआवजा मिल पाएगा कि उनके लागत की ही भरपायी हो सके ? प्रश्न के उत्तर के नीचे लिखे तथ्य पर गौर करें. एक क्विन्टल गेहूं को उपजाने और बाजार तक पहुंचाने में किसान को 1212 रुपये की लागत आती है, एक क्विन्टल चने के लिए यही खर्च...
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