जंगलों के मामले में पूरे देश में झारखंड का 10वां स्थान आता है. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआइ) के आंकड़े भी बताते हैं कि राज्य में जंगल बढ़ रहा है. सेटलाइट सर्वे के माध्यम से किये गये सर्वेक्षण में इसे बढ़ा हुआ बताया जा रहा है, जबकि हकीकत कुछ और बयां करते हैं. वन विभाग के अधिकारियों का इस बारे में अलग-अलग मत है. कई अधिकारियों ने सर्वे के...
More »SEARCH RESULT
जीवन चलने का नाम : उदयपुर के प्रवासी मजदूरों की बदलती दुनिया
" यह सड़क कहां जाती है ? "सड़क कहीं नहीं जाती, इस पर आने-जाने वाले लोग जाते हैं." विजयदान देथा की एक कहानी में चतुर बुढ़िया ने अपनी हाजिरजवाबी से राजा और मंत्री को छकाने के लिए कहा था. पता नहीं उदयपुर जिले के जनजातीय इलाके गोगुन्दा, कोटड़ा और सलुम्बर में चतुर बुढ़िया की यह लोककथा प्रचलित है या नहीं लेकिन यहां के राष्ट्रीय राजमार्ग-8 पर बुढ़िया की बात फिट बैठती है. लाने-जाने के...
More »छत्तीसगढ़-- पहाड़ा ही नहीं... शिक्षकों को नहीं पता मंडे की स्पेलिंग
रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सोमवार को लोक सुराज अभियान के अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा था कि गांव के स्कूलों में बच्चे तो बच्चे शिक्षकों तक को पहाड़ा नहीं आता। उन्होंने भले ही इसे सहज भाव से जिक्र किया, लेकिन मामला उतना ही गंभीर भी है। क्योंकि शिक्षा गुणवत्ता अभियान में स्कूलों के निरीक्षण के दौरान जो फीड बैक मिले हैं, उसमें तो यह जानकारी सामने आई है...
More »पेंशन के टेंशन ने बंद कर दी बद्री मेहतर की सांस
देवघर: पेंशन से जुड़ी थी बद्री मेहतर की सांस. पेंशन क्या बंद हुई बद्री की सांस ही बंद हो गयी. पीछे छूट गया छह सदस्यों का बड़ा परिवार, जिसके लिए दिन पहाड़ है और रात कोई डरावना सपना. बद्री मेहतर कोई निकम्मा आदमी नहीं था. वह नगर निगम का सेवानिवृत सफाई कर्मचारी था. कोई एक महीने से बीमारी से जूझ रहा था. यथोचित इलाज के अभाव में रविवार की रात...
More »बुंदेलखंड-- भूख से कराह रहे सहरिया परिवार
सूखा क्या पड़ा, जैसे सहरिया परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। खेतों में कटाई कर उसमें गिरे-पड़े दानों को बीनकर और मेहनत-मजदूरी कर अपना जीवन-यापन करने वाला सहरिया समुदाय सूखे की जबरदस्त मार झेल रहा है। किसी ने खाने को दे दिया तो ठीक है, नहीं तो वह खाली पेट सोने को मजबूर हो जाते हैं। ग्राम पंचायत छपरट की सहरिया बस्ती के हालात यह हैं कि यहां के...
More »