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बेमौसम बारिश के बावजूद गेहूं का होगा रिकॉर्ड उत्पादन: अधिकारियों का दावा

सरकारी अधिकारियों ने दावा किया है कि देश के कई हिस्सों में हो रही बेमौसम बारिश और ओले गिरने के बावजूद गेहूं के उत्पादन पर असर नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि 3 मार्च, 2023 से भारत के कई राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात,...

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पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य

पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...

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सरसों के भाव एमएसपी से नीचे आए, खाद्य तेलों के रिकॉर्ड आयात का दाम पर पड़ रहा असर, पामोलिन पर ड्यूटी बढ़ाने की मांग

रूरल वॉयस, 2 मार्च आलू और प्याज के बाद अब सरसों के भाव किसानों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। मंडियों में सरसों की आवक तेज होते ही कीमतें घटने लगी हैं। देश की ज्यादातर मंडियों में नई सरसों का भाव 2022-23 के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,450 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे चल रहा है। रिकॉर्ड रकबे में बुवाई होने की वजह से पैदावार रिकॉर्ड स्तर पर...

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बंधुआ मजदूरों की संख्या और पुनर्वास के आंकड़ों में राज्य सरकारों की हेराफेरी

न्यूजलौंड्री, 10 फरवरी साल 2019-20 में आठ राज्यों में बंधुआ मज़दूरी का कोई मामला सामने नहीं आया है. यह जानकारी भारत सरकार ने राज्य सभा में दी है. दो फरवरी को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने बंधुआ मजदूरों को लेकर सवाल किया था. बिनॉय ने साल 2019 से देश के अलग-अलग राज्यों में मुक्त कराए गए और पुनर्वासित किए गए बंधुआ मजदूरों के आंकड़े मांगे थे,...

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मौसम विभाग की रिपोर्ट ; पांचवां सबसे गर्म साल रहा 2022

भारत में मौसमी घटनाओं के कारण वर्ष 2022 में 2,227 लोगों की जाने चली गई। सबसे अधिक मौतें बिहार राज्य (418) से हुई हैं। उसके बाद असम से 257, उत्तर प्रदेश से 201, ओडिशा से 194 और महाराष्ट्र के 194 लोगों की जीवन लीला मौसमी कारकों के कारण समाप्त हो गई। मौसम विभाग की रपट के अनुसार; इसके पीछे की वजहों को देखें तो सबसे बड़ा कारक आकाशीय बिजली और आंधी–तूफान है।...

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