आबादी, क्षेत्रफल और राजनीतिक प्रभुत्व के लिहाज से देश के तमाम राज्यों में उत्तर प्रदेश कितना ही आगे क्यों न हो, औद्योगिक विकास की दौड़ में यह पिछले 25 वर्षों में लगातार पिछड़ता गया है। नतीजतन, उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय व राष्ट्रीय आय में फर्क लगातार बड़ा बना हुआ है और मानव विकास के पैमानों पर इस प्रदेश की गिनती अब देश के सर्वाधिक पिछड़े राज्यों के साथ...
More »SEARCH RESULT
प्रदूषण की भेंट चढ़ता जीवन-- पीयूष द्विवेद्वी
सर्वोच्च न्यायालय ने देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर एक बार फिर सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि दिल्ली में प्रतिदिन औसतन आठ लोग वायु प्रदूषण जनित बीमारियों से मरते हैं। इसके अलावा न्यायालय ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों तथा सरकारों से भी प्रदूषण की रोकथाम को लेकर पूर्ण कार्य-योजना पेश करने को...
More »कचरे से जूझते हमारे शहर-- फिरोज वरुण गांधी
हमारे शहर संक्रामक रोगों के कब्जे में हैं। राजधानी दिल्ली तक इनसे नहीं बची है। डेंगू, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू, टायफायड, स्वाइन फ्लू जैसे तमाम रोग तेजी से फैल रहे हैं। मैं खुद पिछले दो वर्षों में चिकनगुनिया व स्वाइन फ्लू का शिकार बन चुका हूं। इन बीमारियों का फैलना कोई नई प्रवृत्ति भी नहीं है। 23 सितंबर, 1994 का दिन याद कीजिए। उस दिन सूरत के कई हिस्सों में न्यूमोनिक प्लेग...
More »सौर ऊर्जा पर चलेंगे भविष्य के शहर
पांच वर्षों में 10% परंपरागत ऊर्जा की जगह लेंगे सोलर सिटीज शहरीकरण और आर्थिक विकास की तेज गति ने ऊर्जा संबंधी हमारी जरूरतों को भी बढ़ाया है. इससे ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी बढ़ा है़ ऐसे में दुनिया भर के कई शहरों ने नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन स्तर में कमी लाने के लिए नये लक्ष्य और नीतियां निर्धारित किये हैं. इसी क्रम...
More »बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास
इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...
More »