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क्या कैश-ट्रांसफर के लिए पीडीएस को खत्म किया जा सकता है?

अनाज इतना है कि सरकारी गोदामों में उन्हें संभाल पाना मुश्किल हो रहा है और सरकार के पास धन की ऐसी कमी है कि वह खर्च कम करके संयम बरतने की सलाह दे रही है। फिर भी, विश्वबैंक की सलाह को अपने सर माथे चढ़ाकर सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) के जरिए अनाज बांटना बंद करना और लोगों को इसकी जगह कैश-ट्रांसफर के जरिए नकदी देना चाहती है। देश के विभिन्न भागों में होने वाले सर्वेक्षण, मौका...

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वृद्धावस्था पेंशन के पक्ष में कुछ और तथ्य..

ठीक उसी वक्त जब मीडिया के हमारे मित्रगण कुछ और प्रमाणों की खोज में जुटे थे, आईएलओ(अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन) की एक नई रिपोर्ट में वृद्धावस्था-पेंशन और देश की बेहतरी के बीच विभिन्न तथ्यों के आलोक में संबंध स्थापित किया गया है। आईएलओ की रिपोर्ट “ वर्ल्ड सोशन सिक्यूरिटी रिपोर्ट 2010/11: प्रोवाइडिंग कवरेज इन टाइम्स ऑव क्राइसिस एंड बियान्ड ” में भारत की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का तन्कीदी जायजा लिया गया है। (रिपोर्ट निम्नलिखित लिंक पर...

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भारत में रोजगारहीन आर्थिक वृद्धि - आईएलओ की नई रिपोर्ट

जिस भारतीय अर्थव्यवस्था के बूते दक्षिण एशिया में साल 2010 तक आर्थिक-वृद्धि की रफ्तार 9 फीसदी से ज्यादा की रही और अब यानी साल 2011-12 में 7 फीसदी पर जा पहुंची है, उसके बारे में सबसे ज्यादा गौर करने लायक तथ्य क्या है ? अंतर्राष्ट्रीय श्रम-संगठन की नई रिपोर्ट ग्लोबल एम्पलॉयमेंट ट्रेन्डस् का कहना है कि बढ़ोत्तरी का यह कमाल श्रम की उत्पादकता में बढ़वार का नतीजा था ना कि...

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कौन ठगवा जमीनिया लूटे हो...

जैसा कि एक प्रसिद्ध रिपोर्ट एवरी थर्टी मिनटस्- फार्मर्स स्यूसाईडस्, ह्यूमन राईटस् एंड द एग्रीगेरियन क्राईसिस इन इंडिया के शीर्षक से जाहिर है- भारत में खेतिहर-संकट के कारण हर तीसवें मिनट पर एक किसान आत्महत्या को मजबूर है। उड़ीसा में बोलंगीर जिले के पटनागढ़ प्रखंड के गांव घूमर में गुजरे सितंबर महीने में एक किसान लिंगराज साहू की मौत हुई। क्या लिंगराज साहू की मौत को कोई रिपोर्ट आत्महत्या की श्रेणी में गिन सकती है? लिंगराज साहू...

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अन्ना का आंदोलन- बहस की नई जमीन

भ्रष्टाचार के विरोध में कारगर, ताकतवर और जन-भागीदारी आधारित लोकपाल बिल तैयार करने के लिए  अन्ना हजारे की अगुवाई में चले आमरण अनशन की सफल समाप्ति के बाद बहस की एक नई जमीन तैयार हो रही है। बहस के केंद्र में खुद अन्ना हजारे और आंदोलन का उनका अहिंसक तरीका है तो जन लोकपाल बिल का वह मसौदा भी। नागरिक संगठनों का एक तबका अन्ना हजारे के हालिया बयानों से असहज है और उनकी धर्मनिरपेक्षता...

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