SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 548

मनरेगा की मजदूरी -- देर ना हो जाये कहीं देर ना हो जाय !

‘ मजदूरी का भुगतान ना होने और भुगतान में देरी के कारण श्रमिकों के बीच मनरेगा की साख खत्म हो गई है.'   मध्यप्रदेश में मनरेगा के क्रियान्वयन की कड़वी सच्चाई बयान करने वाला यह वाक्य ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा गठित कॉमन रिव्यू मिशन(सीआरएम) की हाल ही में जारी एक समीक्षा रिपोर्ट का है.( रिपोर्ट के लिए यहां क्लिक करें)   मनरेगा के असरदार क्रियान्वयन में फंड की कमी को बड़ी बाधा बताते हुए...

More »

कब मिटेगा बाल श्रम का कलंक-- बुद्धप्रकाश

भारतीय संविधान के अनेक प्रावधानों व अधिनियमों में बच्चों की सुरक्षा की खातिर व्यवस्थाएं की गई हैं। समय-समय पर इस उद््देश्य से नए कानून भी बनाए जाते रहे हैं। इस सब के बावजूद बाल श्रम की समस्या में उत्तरोत्तर वृद्धि होती गई है। बच्चों को भावी कर्णधार और आने वाले कल की तस्वीर कहा जाता है। लेकिन कल के उज्ज्वल भविष्य का वर्तमान पेट की आग बुझाने में इस कदर...

More »

जरूरी है जूट को सरकारी संरक्षण-- पंकज चतुर्वेदी

सीएसीपी यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की ताजा सिफारिशें जूट के किसानों के लिए आफत बन सकती हैं। आयोग का कहना है कि चीनी मिलों में शत-प्रतिशत जूट के बोरे के इस्तेमाल की मौजूदा नीति को बंद कर दिया जाए तथा खाद्य पदार्थों में नब्बे फीसद जूट की अनिवार्यता को पचहत्तर फीसद किया जाए। अगर ऐसा हुआ तो बंगाल का जूट किसान भूखों मर जाएगा।   यही नहीं, जूट कारखानों व...

More »

कैराना मामला : न कारोबार महफूज और न इज्जत

संजीव गुप्ता, पानीपत। उत्तर प्रदेश के कैराना से हिंदुओं के पलायन और उसके पीछे दहशत की कहानी अब परत दर परत सामने आने लगी है। पानीपत में शरण लिए कुछ लोगों की आपबीती इस तरह सामने आई है, जैसे कैराना में कानून-व्यवस्था नहीं, कुछ खास लोगों का राज हो। व्यवसाय चलाने के लिए लाखों की रंगदारी देनी पड़ती है। हिंदू महिलाएं शाम के बाद घर से नहीं निकल सकतीं। ईश्वर चंद...

More »

जीवन चलने का नाम : उदयपुर के प्रवासी मजदूरों की बदलती दुनिया

" यह सड़क कहां जाती है ? "सड़क कहीं नहीं जाती, इस पर आने-जाने वाले लोग जाते हैं." विजयदान देथा की एक कहानी में चतुर बुढ़िया ने अपनी हाजिरजवाबी से राजा और मंत्री को छकाने के लिए कहा था. पता नहीं उदयपुर जिले के जनजातीय इलाके गोगुन्दा, कोटड़ा और सलुम्बर में चतुर बुढ़िया की यह लोककथा प्रचलित है या नहीं लेकिन यहां के राष्ट्रीय राजमार्ग-8 पर बुढ़िया की बात फिट बैठती है. लाने-जाने के...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close