SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 281

बच्चों की कब्रगाह है मेलघाट-शिरीष खरे

विदर्भ को देश भर में किसानों की आत्महत्या वाले इलाके के रुप में जाना जाता है लेकिन इसी इलाके में सतपुड़ा पर्वत में बसी मेलघाट की पहाड़ियों में छोटे बच्चों की मौत के आंकड़े पहाड़ियों से ऊंचे होते चले जा रहे हैं. साल दर साल कोरकू आदिवासियों के हजारों बच्चे असमय काल के गाल में समाते चले जा रहे हैं. कुपोषण मेलघाट में 1993 को पहली बार कुपोषण से बच्चों के मरने...

More »

प्रदेश के 28 जिले सूखाग्रस्त घोषित

पटना कम बारिश, अनियमित बारिश और लक्ष्य से धान की काफी कम बुआई को देखते हुए 28 जिलों को राज्य मंत्रिपरिषद ने सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। तत्काल इन जिलों के सीआरएफ के ना‌र्म्स लागू कर दिये गये हैं। मंत्रिपरिषद का मानना है कि शेष दस जिलों की हालत भी ठीक नहीं है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित आपदा प्रबंधन ग्रुप को इन दस...

More »

बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 2

सही है कि पूरे बुंदेलखंड में लगभग 2 लाख 80  हजार कुओं में से अधिकतर बेकार पड़ गए हैं - या तो मरम्मत के अभाव में वे गिर गए हैं या वे सूख गए हैं- लेकिन थोड़े-से रुपए खर्च करके उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जा सकता है. मगर पंचायतों और अधिकारियों का सारा जोर नए कुएं-तालाब खुदवाने पर अधिक रहता है. एेसा इसलिए होता कि इनमें ठेकेदारों,...

More »

बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 1

अपनी वीरता और जुझारूपन के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड में कई सालों के सूखे, इसके चलते पैदा कृषि संकट और इनसे निपटने की योजनाओं में भ्रष्टाचार ने पलायन और आत्महत्याओं की एक अंतहीन श्रृंखला को जन्म दे डाला है. - रिपोर्ट रेयाज उल हक बुंदेलखंड को मिले 3,506 करोड़ रुपए के पैकेज से महोबा जिले के पवा गांव की रामकली को समय पर और नियमित रूप से राशन मिल जाने की कम...

More »

आशियाने ही नहीं, उम्मीदें भी लगीं दरकने

संगरूर-बाढ़ का पानी बेशक उतरने लगा हो, लेकिन खौफ व दर्द अब भी इनकी आंखों के आंसू सूखने नहीं दे रहा। जान बच गई बस यही काफी है। पानी ने जिंदगी की जो रफ्तार एकाएक रोक दी, वह कब रवानी पकड़ेगी क्या मालूम। अभी तो यह चिंता साल रही है कि कहीं फिर आसमान रूठा तो रही सही कसर पूरी हो जाएगी। लोग कभी अपने घरों की दरारों को देखते हैं...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close