आज पूरा विश्व भूख, पानी और रोजगार जैसी विशेष जरूरतों के लिए परेशान है। जहां कुछ देश दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके हैं तो कुछ भूखमरी और पानी के लिए तरस रहे हैं। फिर भी विश्व में 1.3 बिलियन टन भोजन की किसी न किसी कारण बर्बादी होती है। यह मात्रा मानव उपयोग के लिए तैयार किए गए कुल भोजन की लगभग एक तिहाई है। बता दें कि...
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शहरों में बढ़ेगा बढ़ती आबादी का बोझ- ज्ञानेन्द्र रावत
दुनिया की आबादी सात अरब को पार कर चुकी है। इसमें हर साल आठ से नौ करोड़ की वृद्धि चिंतनीय है। संयुक्त राष्ट्र की मानें, तो भविष्य में भारत को मिलाकर कुछ बड़े अफ्रीकी और दक्षिण एशियाई देश वैश्विक आबादी तेजी से बढ़ाएंगे। भारत सबसे बड़ी आबादी वाला दुनिया का दूसरा देश है। आने वाले 10-12 वर्षों में भारत चीन से आगे निकल जाएगा। आशंका है, 2060 में भारत की...
More »व्यापम : द ग्रेट भर्ती घोटाला,55 केस, 2530 आरोपित, 1980 गिरफ्तार
स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से मध्य प्रदेश एक पिछड़ा राज्य है. वहां प्रति 18,650 लोगों पर मात्र एक डॉक्टर उपलब्ध है. इस कमी को पूरा करने के लिए राज्य में कई वर्षो तक सैकड़ों अयोग्य और अक्षम लोग पैसे और पैरवी के सहारे डॉक्टर की डिग्री हासिल करते रहे. बाद में राज्य की अन्य नौकरियों में भी घूस, हेराफेरी और अनियमितताएं बरती जाने लगीं. 2013 से इस घोटाले की परतें...
More »न्यूनतम सरकार अधिकतम शोषण- के सी त्यागी
श्रमिकों के शोषण का लंबा इतिहास रहा है। इसके विरुद्ध श्रमिकों ने समय-समय पर आवाज उठाई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रम कानून बने। मजदूर संगठित हुए, उन्हें अधिकार मिले, स्वतंत्रता मिली, सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ा। इसका असर हमने भारत में भी देखा। लेकिन नई औद्योगिक नीति और उदारीकरण का दौर परवान चढ़ने के साथ ही श्रमिक फिर शोषण का शिकार हुए। उनका सामाजिक दायरा घटा, अधिकार सिकुड़ते चले गए। इसी...
More »लघु उद्योगों को संवारने का है संकल्प - कलराज मिश्र
नरेंद्र मोदी ने जब प्रधानमंत्री के रूप में कामकाज संभाला और गांधी जयंती के मौके पर पहली बार रेडियो के माध्यम से 'मन की बात" की तो उन्होंने खादी के महत्व का बखान करते हुए हर देशवासी को खादी का एक उत्पाद अवश्य खरीदने की अपील की। इसका व्यापक असर हुआ और खादी की बिक्री में ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस अपील के बाद सबका ध्यान सूक्ष्म, लघु एवं...
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