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नीतियां सही, पर समय गलत-- डा. भरत झुनझुनवाला

बीते बजट की अधिकतर अर्थशास्त्रियों ने सराहना की है. बावजूद इसके इस पाॅलिसी के सफल होने में संदेह है. वर्तमान समय में यह पाॅलिसी अनुपयुक्त है जैसे मातम के समय शहनाई अनुपयुक्त होती है. वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स में छोटे करदाताओं को छूट दी है. छोटे करदाताओं को पूर्व में 2.5 लाख रुपये की छूट थी, जिसे बढ़ा कर 3 लाख रुपये कर दिया है. इस छूट के बाद...

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एक नागरिक की जवाबदेही-- रबिभूषण

एक कथन है- 'एक नागरिक की जवाबदेही यही होती है कि जो कुछ भी उसके आस-पास गलत हो रहा है, वह उस पर लोकतांत्रिक ढंग से अपना हस्तक्षेप दर्ज करे.' यह कथन प्रमुख सामाजिक, मानवाधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया का है, जो उन्होंने कुछ दिन पहले एक साक्षात्कार में कहा है. वर्ष 2005 से बस्तर अधिक अशांत है. इसी वर्ष छत्तीसगढ़ सरकार ने कई उद्योगपतियों-कॉरपोरेटरों के साथ एमओयू साइन किया था....

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इंफ्रा-मुखी लुभावना बजट-- प्रमोद जोशी

भारत का बजट लोक-लुभावन राजनीति, राजकोषीय अनुशासन और अर्थशास्त्रीय नियमों की रोचक चटनी होता है. इसकी बारीकियां केवल वित्त मंत्री का भाषण सुननेभर से समझ में नहीं आतीं. अलबत्ता पहली नजर में सार्वजनिक प्रतिक्रिया समझ में आ जाती है. इस लिहाज से इस बार का बजट काफी बड़े वर्ग को खुश करेगा. इसमें सामाजिक क्षेत्र का ख्याल है, ग्रामीण क्षेत्र की फिक्र है, साथ ही छोटे करदाता की परेशानियों को...

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घाटा, कर्ज का भीषण कांटा!-- अनिल रघुराज

कालेधन को साफ करने की जिस वैतरणी के लिए सरकार ने देश के 26 करोड़ परिवारों को तकलीफ की भंवर में धकेल दिया, वह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हमारी अर्थव्यवस्था के लिए कर्मनाशा बनती दिख रही है. आइएमएफ जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संगठन तक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का अनुमान 7.6 प्रतिशत से घटा कर 6.6 प्रतिशत कर दिया है, जबकि चीन का अनुमान 6.5 प्रतिशत से बढ़ा...

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बजट 2016-17 : बजट से उम्मीदें कुछ ठोस सी

नोटबंदी के बाद यह सबसे बड़ा आर्थिक अनुष्ठान है. इससे जनता को बहुत उम्मीदें हैं. उम्मीदें इसलिए हैं कि नोटबंदी के बाद जनता काफी परेशानी से गुजरी है. यह ठीक है कि नोटबंदी,नकद-न्यूनतम अर्थव्यवस्था भविष्य में अर्थव्यवस्था का भला करेगी, पर फौरी तौर पर तो उसने आम जनता यानी रोज कमाने-खानेवाले लोगों को परेशान ही किया है. इसका असर भी दिखाई पड़ा है. तमाम संगठनों ने 2016-17 के आर्थिक विकास...

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