नई दिल्ली. टोटल ड्रग रेजिस्टेंस (टीडीआर) टीबी को दबाने की केंद्र सरकार की कोशिश नाकाम हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मुंबई में टीडीआर-टीबी के 12 में से 6 मरीजों पर रोकथाम की सभी दवाएं बेअसर हैं। ये मामले जनवरी में पहली बार सामने आने पर मंत्रालय की जांच टीम ने इन्हें एक्सट्रीम ड्रग रेजिस्टेंस (एक्सडीआर) टीबी का नाम देकर रफा-दफा करने की कोशिश...
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सामने आयी बोतल बंद पानी की चौंकाने वाली सच्चाई!
बोकारो. चास और बोकारो शहर में इन दिनों पानी का गोरखधंधा जमकर चल रहा है। चास शहर के लगभग सभी मुहल्लों में निकलने वाले खारा पानी से परेशान लोगों का झुकाव फ्रेश पानी की ओर बढ़ रहा है। इसका फायदा पानी बेचने वाले उठा रहे हैं। फ्रेश पानी के नाम पर बोरिंग का पानी बोतलों और जार में भरकर लोगों के घरों में महंगे दाम पर पहुंचा जा रहा है। यह पानी लोगों को...
More »गुजरात के इन गांवों में कोई नहीं ब्याहना चाहता अपनी बेटी
राजपीपला। गुजरात की जीवन-रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी के डेम से कुछ ही दूरी पर स्थित होने पर भी यहां के दो गांवों में पीने का पानी नहीं है। पानी की यहां इस कदर किल्लत है कि अन्य गांव के लोग इन गांवों में अपनी बेटी ब्याहने तैयार नहीं होते हैं। राजपीपला शहर के पास स्थित इन दो गांवों के नाम हैं देवलिया और जैतपुर। आजादी के 63 वर्षो के...
More »बुजुर्गों के लिए इज्जत की जिन्दगी -आईए, एक अभियान का हिस्सा बनें
बुजुर्गों की जीवन-संध्या पूरी गरिमा और बिना किसी अभाव के बीते- यह हर सभ्य समाज का नैतिक दायित्व है। बुजुर्गों के प्रति इसी दायित्व-भाव से पेंशन परिषद् दिल्ली में जन्तर-मन्तर पर अगामी 7 मई से 11 मई(2012) तक एक अभियान के तहत धरने का आयोजन कर रहा है। धरने के आयोजन के पीछे मकसद एकदम सरल और सहज है, और इस मकसद को पूरा करने का वक्त अब आ चुका है। आगे की पंक्तियों को...
More »इन बच्चों का क्या कसूर?- हर्षमंदर
गरीबों के बच्चे मवेशी चराते हैं और चटाई बुनते हैं, वे शहर के कूड़ागाहों और ट्रैफिक सिगनल्स पर पाए जाते हैं, ईंट-भट्टे और कोयला खदानें आमतौर पर उनके काम करने की जगहें होती हैं। जब हमारे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने जाते हैं, तब गरीबों के बच्चे रोजी-रोटी के लिए मशक्कत कर रहे होते हैं। लेकिन बड़ी अजीब बात है कि हमने महज इस संयोग के आधार पर इन बच्चों की इस...
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