SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 869

भूख नहीं जानती सब्र-- संजीव पांडेय

दुष्यंत कुमार का शेर है : भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ। आजकल संसद में है जेरे-बहस ये मुद्दआ। शायर इसमें हुक्मरानों की खिल्ली उड़ा रहा है क्योंकि वह जानता है कि भूख सब्र नहीं जानती। इसके बावजूद हमारी व्यवस्था गरीबों का इम्तहान लेती रहती है। महज कुछ दिनों के अंतर पर ही झारखंड में भूख से तीन मौतें हुर्इं; उस राज्य में जो खनिज संसाधनों...

More »

एक साथ चुनाव कराने का अर्थ-- योगेन्द्र यादव

कुछ साल पहले अमर्त्य सेन ने हमें आर्गुमेंटेटिव इंडियन की उपाधि दी थी. वो हमारी तर्क-वितर्क और दर्शन की परंपरा का सम्मान कर रहे थे. मैं अक्सर सोचता हूँ कि 'आर्गुमेंटेटिव इंडियन' का अनुवाद क्या होगा? तर्कशील भारतीय? तर्की-वितर्की-कुतर्की भारतीय? या फिर बहसबाज भारतीय? मुझे बहसबाज ज्यादा लगता है. क्योंकि हम हिंदुस्तानियों की प्रवृत्ति है कि जिन मुद्दों पर बहस होनी चाहिए उन पर तो करते नहीं हैं, लेकिन...

More »

अर्थव्यवस्था पर मुस्तैदी जरूरी-- डा. अवनीन्द्र ठाकुर

पिछले कुछ समय से भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में आये कई आंकड़ों ने वर्तमान सरकार की कई नीतियों की सफलता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है. उदाहरण के तौर पर देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में कमी, सरकारी एवं निजी क्षेत्र में रोजगार की कमी, औद्योगिक विकास की चिंताजनक स्थिति इत्यादि कुछ आंकड़े हैं, जो सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.   इस परिप्रेक्ष्य में...

More »

अपराध के प्रति दोहरा मापदंड क्यों-- आकार पटेल

कुछ दिनाें पहले अमेरिकी शहर लास वेगास में एक व्यक्ति ने संगीत आयोजन में शामिल 58 लोगों की हत्या कर दी. उसने भीड़ पर एक घंटे से अधिक समय तक मशीनगन से गोलियां बरसायीं और 500 से अधिक लोगों को घायल कर दिया. इस घटना को अमेरिकी पुलिस ने आतंकवादी घटना मानने से इनकार कर दिया, क्योंकि व्यक्ति ने अकेले ही इस कृत्य को अंजाम दिया था. हत्यारा ईसाई था....

More »

अर्थव्यवस्था की सेहत का सवाल - संजय गुप्त

पूरे देश में टैक्स की एक प्रणाली के रूप में वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी को लागू करते समय यह आशंका व्यक्त की गई थी कि इसके चलते अर्थव्यवस्था में कुछ समय के लिए ठहराव की स्थिति देखने को मिल सकती है। वर्तमान में ऐसा ही दिख रहा है। पिछली तिमाही में विकास दर जिस तरह 5.7 प्रतिशत ही दर्ज की गई, उससे तमाम राजनेता और कुछ अर्थशास्त्री यह...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close