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सुधारों को रफ्तार देने का अवसर - संजय गुप्‍त

इस बार एक फरवरी को जब केंद्रीय वित्त मंत्री आम बजट पेश करेंगे तो यह दो कारणों से एक ऐतिहासिक क्षण होगा। एक तो मोदी सरकार ने दशकों पुरानी परंपरा को समाप्त कर आम बजट को फरवरी के अंतिम सप्ताह के बजाय पहले सप्ताह में पेश करने का निर्णय लिया है और दूसरे, रेल बजट को आम बजट में ही समाहित करने का फैसला किया है। रेल बजट को आम...

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गांधी के सपनों का स्वराज-- श्री भगवान सिंह

वैसे महात्मा गांधी ‘स्वराज' या ‘स्वराज्य' संबंधी अपनी अवधारणा को जीवनपर्यन्त परिभाषित करते रहे, लेकिन जहां तक मैं समझ सका हूं, हिंदुस्तान के संदर्भ में उन्होंने जिस स्वराज की परिकल्पना की थी, उसके केंद्र में थी गांवों की स्वायत्त, स्वावलंबी अर्थ एवं प्रबंधन सत्ता। उनकी दृष्टि में गांवों की संपन्नता में ही देश की संपन्नता तथा गांवों की स्वायत्त पंचायती व्यवस्था में ही देश की सच्ची प्रजातांत्रिक छवि अभिव्यक्ति पा...

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कृषि अधिकारी ने बेच दिया किसानों का एक ट्रक चना

तखतपुर विकासखंड में प्रदर्शन के लिए किसानों को बीज बांटने एक ट्रक चना आया था। उसे कृषि विभाग के अधिकारियों ने व्यापारियों के पास बेच दिया। वहीं उसके रखरखाव व खाद के पैसे भी हजम कर गए। जिला पंचायत की सामान्य सभा में यह मामला सामने आने के बाद जिला पंचायत सीईओ ने जांच के आदेश दे दिए हैं।   जिला पंचायत की सामान्य सभा शुक्रवार को हुई। इस दौरान तखतपुर क्षेत्र...

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कैलेंडर पर गांधी के होने का अर्थ-- विश्वनाथ सचदेव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा के सबसे बड़े नेता हैं. और मोदी-समर्थकों की मानें, तो देश के सबसे बड़े नेता हैं. इसमें संदेह नहीं कि पिछले आम चुनावों में भाजपा की अभूतपूर्व सफलता का श्रेय उन्हें ही जाता है. अब माना यही जा रहा है कि मंत्रिमंडल के नाम पर लिये जानेवाले सारे बड़े निर्णय प्रधानमंत्री और उनका कार्यालय ही लेता है. यह स्थिति मंत्रिमंडल के सामूहिक उत्तरदायित्व वाली हमारी जनतांत्रिक...

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लोकतंत्र में भय ! -- रविभूषण

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक आेबामा ने पिछले सप्ताह अपने विदाई-भाषण में लोकतंत्र को लेकर जो गहरी चिंताएं व्यक्त की हैं, उन पर हम सब का ध्यान देना अधिक आवश्यक है. संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत को दो प्रमुख लोकतांत्रिक देश माना जाता है. भारत में लोकतंत्र के तीन प्रमुख स्तंभ- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका आज किस हालत में हैं? एडमंड बर्क (1729-1797) ने 1787 में एक संसदीय बहस में जिस 'प्रेस'...

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