SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 439

हमने क्या खोया और क्या पाया? - दे‍विंदर शर्मा

चंद हफ्तों पहले की ही बात है। जैसे ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के परिणाम सामने आए, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने महत्व की चेतना से भर गए थे। उन्हें लगता था कि नई सरकार में वे अहम भूमिका निभाएंगे और शायद उन्हें गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद भी मिल जाए। तभी राकांपा ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा कर दी और शिवसेना का गणित बिगड़ गया।...

More »

नसबंदी कांड की कड़ियां- कनक तिवारी

जनसत्ता 17 नवंबर, 2014: बिलासपुर नसबंदी कांड राज्यतंत्र की क्रूरता का बेहद घिनौना उदाहरण है। केंद्र प्रवर्तित और राज्य पोषित नसबंदी कार्यक्रम को लागू करने में इतनी लोकविधर्मी विसंगतियां हैं। पर इन्हें सरकारी अहंकार समझना ही नहीं चाहता। जनसंख्या-वृद्धि पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय शासन ने बरसों से अंतरराष्ट्रीय स्थितियों, समझौतों और समझाइशों के तहत नीतियां बनाने का प्रयत्न किया है। शासन और भद्रलोक के उपचेतन में इस मुगालते...

More »

खदान आवंटन में 'पहले आओ पहले पाओ' को झटका

धनंजय प्रताप सिंह ,भोपाल । केंद्र सरकार के खान मंत्रालय ने खदान आवंटन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से नियमों में भारी फेरबदल किया है। राज्य सरकारें अब अपनों को उपकृत करने के लिए नियमों में हेराफेरी नहीं कर पाएगी। केंद्र ने माइनर मिनरल रेगुलेशन एण्ड डेवलपमेंट एक्ट 1957(एमएमआरडी) में बदलाव करते हुए 'पहले आओ पहले पाओ" की नीति को बदला है। नई नीति के तहत अब सिर्फ राजपत्र में नोटिफाइड...

More »

विचारधारा के भंवर में - एम के वेणु

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली आर्थिक सुधार के अर्थों को पुनर्परिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं। सीआईआई और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में भारतीय और वैश्विक कंपनियों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए अरुण जेटली ने सलाह दी कि भारत जटिल सामाजिक-आर्थिक संरचना वाला एक विकासशील समाज है, इसलिए उद्यमी समुदाय को 'बिग-बैंग' सुधारों और कुछ सनसनीखेज विचारों के क्रियान्वयन की उम्मीद नहीं करनी...

More »

गरीबों का भला ऐसे नहीं होगा- शीतला सिंह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को दी गई चाय पार्टी के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि हमारे हर कार्य की दिशा कमजोर वर्गों के लाभ पर आधारित होगी इसलिए सभी सहयोगियों को भी इस पर अच्छी तरह से सोचना चाहिए कि वे जो कार्यक्रम बनाएं, ध्यान रखें कि उससे गरीबों का कितना हितसाधन होगा। गरीबी मिटाओ का नारा और इसके लिए कार्यक्रम कोई नए नहीं हैं।...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close