सवाल केवल कानून-व्यवस्था के उल्लंघन का नहीं। सवाल नस्लवाद और रंगभेद के घृणित आरोप का है। सवाल कूटनीतिक संबंधों का है। और सवाल देश की अंतरराष्ट्रीय छवि का भी है। दिल्ली के वसंतकुंज इलाके में पिछले शुक्रवार को अफ्रीकी छात्र मसोंदा कितादा ओलिवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का कारण इतना मामूली कि सुनने वालों को विश्वास तक ना आए। तीन गुंडा तत्व उसी ऑटोरिक्शा पर सवार...
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जीवन चलने का नाम : उदयपुर के प्रवासी मजदूरों की बदलती दुनिया
" यह सड़क कहां जाती है ? "सड़क कहीं नहीं जाती, इस पर आने-जाने वाले लोग जाते हैं." विजयदान देथा की एक कहानी में चतुर बुढ़िया ने अपनी हाजिरजवाबी से राजा और मंत्री को छकाने के लिए कहा था. पता नहीं उदयपुर जिले के जनजातीय इलाके गोगुन्दा, कोटड़ा और सलुम्बर में चतुर बुढ़िया की यह लोककथा प्रचलित है या नहीं लेकिन यहां के राष्ट्रीय राजमार्ग-8 पर बुढ़िया की बात फिट बैठती है. लाने-जाने के...
More »23 साल बाद निर्दोष साबित हुए निसार ने कहा, अब जिंदा लाश हूं
नयी दिल्ली : निसारउद्दीन अहमद की उम्र तब 20 साल थी जब उसे पुलिस ने ट्रेन बम धमाके के आरोप में गिरफ्तार किया. अदालत में उस पर कई आरोप लगे. 23 साल जेल में रहने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने उसे 17 दिनों पहले रिहा किया है. अब निसार की उम्र 43 साल है. निसार ने निर्दोष होते हुए भी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण दौर या यूं कहें पूरी...
More »बेरोजगारी बढ़ने के सबब-- अरविन्द जयतिलक
पिछले दिनों प्रकाश में आई ‘एस्पाइरिंग माइंड्स' की ‘नेशनल इम्पालयबिलिटी रिपोर्ट' चिंतित करने वाली है। यह रिपोर्ट बताती है कि इंजीनियरिंग डिग्री रखने वाले स्नातकों में कुशलता की कमी है और उनमें से करीब अस्सी फीसद स्नातक रोजगार के काबिल नहीं हैं। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट देश भर के साढ़े छह सौ से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों के तकरीबन डेढ़ लाख इंजीनियरिंग छात्रों पर किए गए अध्ययन पर आधारित है।...
More »किसके सपने-- कृष्णप्रताप सिंह
अरसा पहले एक गीत में एक बच्चा अपनी मां से कहता था कि वह गोली चलाना सीखेगा, क्योंकि उसे लीडर नहीं, फौजी अफसर बनना है! कई बार इस गीत को युवा पीढ़ी के अराजनीतिकरण की ‘गर्हित' कोशिशों से भी जोड़ा जाता था। लेकिन अब कोई टॉपर फौजी अफसर बनने की इच्छा भी नहीं दर्शाता। अगर कभी उसके सपनों में समाज सेवा शामिल होती है तो वह एनजीओ है जिसमें बदले...
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