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क्या विकास दुबे के एनकाउंटर ने कई महत्वपूर्ण लोगों को जीवनदान दे दिया है?

सत्याग्रह, कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपित विकास दुबे शुक्रवार सुबह पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. उसे गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़ा गया था जहां से उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) उसे कानपुर ला रही थी. ख़बरों के मुताबिक एसटीएफ के काफिले की जिस गाड़ी में विकास दुबे बैठा हुआ था वह हादसे का शिकार होकर पलट गई. यह हादसा कानपुर शहर से कुछ...

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मनरेगा जरूरी या मजबूरी-7: शहरी श्रमिकों को भी देनी होगी रोजगार की गारंटी

-डाउन टू अर्थ, 2005 में शुरू हुई महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना एक बार फिर चर्चा में है। लगभग हर राज्य में मनरेगा के प्रति ग्रामीणों के साथ-साथ सरकारों का रूझान बढ़ा है। लेकिन क्या यह साबित करता है कि मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है या अभी इसमें काफी खामियां हैं। डाउन टू अर्थ ने इसकी व्यापक पड़ताल की है, जिसे एक सीरीज के तौर...

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कश्मीर में पत्रकारों के लिए प्रशासन ने बनाई नई नीति, खबर छापने से पहले बताना होगा, सड़कों पर उतरे पत्रकार

-सबरंग, जम्मू-कश्मीर में प्रशासन की नई मीडिया पॉलिसी के खिलाफ 'जे एंड के मीडिया गिल्ड' के बैनर तले पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की। पत्रकारों ने यहां प्रेस एनक्लेव में इकट्ठा होकर 'मीडिया को चुप कराना बंद करो, हम लोकतंत्र के एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं' आदि नारों के साथ बैनर निकालकर प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नई मीडिया पॉलिसी जम्मू और कश्मीर...

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महिला हेल्पलाइन 181 के 390 कर्मचारियों को एक साल से नहीं मिली सैलरी, महिला ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान

-गांव कनेक्शन,  महिला हेल्पलाइन 181 में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी आयुषी सिंह ने तीन जुलाई को कानपुर में ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। आयुषी के परिजन और साथ में काम करने वाले कर्मचारियों का आरोप है कि आयुषी (32 वर्ष) मानदेय न मिलने और नौकरी से निकाले जाने की वजह से काफी तनाव में थीं जिसकी वजह से उसने यह कदम उठाया। आयुषी जिस महिला हेल्पलाइन 181 में...

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बाहुबलियों- नेताओं और पुलिस के सांठ-गांठ को लेकर ऐसा क्या है एनएन वोहरा कमिटी की रिपोर्ट में जिसे सार्वजनिक नहीं कर रही है सरकार

-द प्रिंट, कानपुर में पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या की घटना के बाद एक बार फिर संगठित अपराधियों, माफिया, नेताओं और पुलिस तथा प्रशासन की सांठगांठ की ओर इशारा कर रही है. यह कितना आश्चर्यजनक है कि एक अपराधी की तलाश में पुलिस दबिश करती है और इसकी सूचना पहले ही लीक हो जाती है, नतीजा संगठित तरीके से पुलिस पर गोलीबारी के रूप में होता है. अब समय आ गया है कि...

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