तीन तलाक को जो लोग महज मुस्लिम हक-हुकूक का मुद्दा बनाने पर आमादा हैं, उनसे अनुरोध है कि एक बार वे अपनी हिन्दुस्तानी परंपरा में झांक देखें, उनकी सारी शंकाओं का समाधान मिल जाएगा। जन-जागरण और बदलाव हमारे देश में रवायत रही है। परिवर्तन की यह अनवरत कामना भले ही कभी-कदा अदालत अथवा हुकूमत के जरिए आकार लेती दिखाई पडे़, पर मूलत: भारतीय समाज आत्मालोचन के जरिए आगे बढ़ने का अभ्यस्त...
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तीन तलाक पर अच्छा फैसला-- भूपेन्द्र यादव
तीन तलाक पर आये फैसले को किसी संस्था या धार्मिक परंपरा विशेष के खिलाफ न मानकर एक प्रगतिशील कदम के रूप में देखना चाहिए, जो समाज के साधारण एवं वंचित वर्ग के प्रति निष्पक्ष न्याय व्यवस्था का फैसला है. इस विषय पर मीडिया के सारे साधनों में बहस और चर्चा हुई है, जिसमें धार्मिक संवैधानिक विशेषज्ञों के साथ साधारण जन और पीड़ित पक्षों ने भी बहस की है. यह...
More »मुस्लिम महिलाओं को मिली बड़ी जीत - क्षमा शर्मा
22 अगस्त, 2017 की तारीख खासकर मुस्लिम महिलाओं के लिए ऐतिहासिक कही जाएगी। सुप्रीम कोर्ट की जिस पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार देने वाला फैसला सुनाया, उसमें विभिन्न् धर्मों को मानने वाले न्यायाधीश थे। इस फैसले से मुस्लिम औरतों के मन से शादी के बाद हमेशा बना रहने वाला तलाक का डर खत्म हो जाएगा। धर्म की आड़ लेकर पुरुषों ने जिस तरह से उन्हें...
More »मुस्लिम महिलाओं को मिली बड़ी जीत - क्षमा शर्मा
22 अगस्त, 2017 की तारीख खासकर मुस्लिम महिलाओं के लिए ऐतिहासिक कही जाएगी। सुप्रीम कोर्ट की जिस पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार देने वाला फैसला सुनाया, उसमें विभिन्न् धर्मों को मानने वाले न्यायाधीश थे। इस फैसले से मुस्लिम औरतों के मन से शादी के बाद हमेशा बना रहने वाला तलाक का डर खत्म हो जाएगा। धर्म की आड़ लेकर पुरुषों ने जिस तरह से उन्हें...
More »जान ले रही एक अफवाह -- आशुतोष चतुर्वेदी
जब एक अफवाह लोगों की जान लेने लगे, तो मान लेना चाहिए कि अब पानी सर से ऊपर बह रहा है और समय आ गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें इसमें हस्तक्षेप करें, इसके खिलाफ जागरूकता अभियान चलायें. ऐसा कहा जाता है कि अफवाहों के पंख होते हैं, ये उड़ती हैं. इनकी गति इतनी तेज है कि एक राज्य से दूसरे राज्य की सीमाओं को लांघते इन्हें समय नहीं...
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