नहीं है कोई डिग्री, कर रहे किसानों की मुश्किलों को दूर गिरीश बद्रगोंड बीजापुर जिले के निवासी हैं. उन्हें मशीनों से लगाव है. लेकिन, मशीनों के संबंध में शोध करने की कोई डिग्री नहीं है. लिहाजा, वे छोटे-छोटे मशीनों का आविष्कार कर किसानों की मुश्किलों का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं. आज स्थिति यह है कि वे सैंटेप सिस्टम नामक कंपनी में पार्टनर हैं और कृषि तकनीक के उत्पादन...
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छोटी सी पहल ने बदली सौ गांवों की तकदीर
कभी पानी को तरसते थे, आज साल भर में तीन फसल उगा रहे किसान राजस्थान के सौ गांवों के खेतों में फसल नहीं उगायी जाती थी, क्योंकि वहां सिंचाई के माकूल साधन नहीं थे. सिंचाई के लिए पानी की बात तो दूर, ग्रामीणों को पेयजल भी मयस्सर नहीं था. मुंबई की एक महिला कार्यकर्ता द्वारा किये गये अथक प्रयास के बाद आज उन गांवों में न सिर्फ लोगों को पेयजल मिल...
More »यूपी : फसल बीमा वाले किसानों की तादाद राष्ट्रीय औसत से पांच गुना कम
सूखे की मार से बुंदेलखंड(यूपी) के बारे में आ रही भुखमरी की खबरों के बीच एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी के तकरीबन सवा दो करोड़ किसानों में केवल 8 लाख किसानों ही फसल का बीमा करवा सके हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट(सीएसई) की रिपोर्ट के अनुसार यूपी में फसल बीमा वाले किसानों की संख्या राष्ट्रीय औसत से तकरीबन सवा पांच गुना कम है. देश में 20 प्रतिशत...
More »वायु प्रदूषण कम करने के लिए आगे आई हरियाणा की एक खाप
चंडीगढ़। हरियाणा की खाप पंचायतें आमतौर पर महिलाओं के खिलाफ फतवे जारी करने के लिए ही बदनाम रही हैं। मगर, हाल के दिनों में कुछ फैसले यह बताने के लिए काफी हैं कि अब वे भी आधुनिकता की ओर बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में ताजा फैसला पर्यावरण को नुकसान से बचाने के सिलसिले में लिया गया है। हरियाणा की दहिया खाप ने फैसला किया है कि वह किसानों द्वारा खेत...
More »सूखे से बेहाल बुंदेलखंड- भारत डोगरा
उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ हो या झारखंड, ओडिशा हो या आंध्र प्रदेश-देश के एक बड़े भाग को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है। ऐसे क्षेत्रों में रोजगार कार्यों के अभाव में लोगों का दुख-दर्द बढ़ रहा है। बांदा जिले में नरैनी प्रखंड के घसराऊट गांव के लोगों ने बताया कि खरीफ की फसल तबाह हो गई, फिर सूखे के कारण रबी की बुआई कम हुई। इसके बावजूद...
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