शिमला: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के फोजल घाटी के एक गांव के श्मशान गृह का कथित तौर पर प्रयोग नहीं करने देने पर एक दलित परिवार को जंगल में बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार करने पर मजबूर होना पड़ा. धारा गांव की निवासी करीब 100 साल की एक महिला का लंबी बीमारी के बाद बृहस्पतिवार को निधन हो गया था. महिला के पोते टेप राम ने आरोप लगाया कि गांव...
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गांधी के कंपास वाला न्यायमूर्ति-- कुमार प्रशांत
कल रात 1.30 बजे महाराष्ट्र की उप-राजधानी नागपुर में जिस 92 साल के चंद्रशेखर शंकर धर्माधिकारी (20 नवंबर, 1927- 3 जनवरी, 2019) का निधन हुअा, उससे हमारी बौद्धिक दुनिया कितनी दरिद्र हो गयी है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. सत्तर से अधिक वर्षों के हमारे लोकतंत्र ने सत्ता अौर संपत्ति की दुनिया में अपने पिता या परिवार की विरासतें संभालनेवाली कई हस्तियां देखी हैं, लेकिन ज्ञान और संस्कार की विरासत संभालनेवाले...
More »विद्रोह की जमीन पर एक गांधीवादी- रामचंद्र गुहा
भारत के तीन ही राज्य हैं, जहां मेरा आज तक जाना नहीं हुआ। नगालैंड इनमें से एक है। अगली फरवरी में एक सामाजिक कार्यकर्ता नटवर ठक्कर के निमंत्रण पर वहां जाने का कार्यक्रम बना था, जिनके साथ पत्राचार तो काफी रहा, लेकिन मुलाकात कभी नहीं हुई। 1932 में पश्चिमी भारत में जन्मे नटवर भाई प्रख्यात गांधीवादी और देशभक्त काका साहब कालेलकर के संपर्क में आए और युवावस्था में ही अपना...
More »ईशनिंदा को अब अलविदा!- सुभाष गताडे
इंडोनेशिया की चीनी मूल की बौद्ध महिला मैलाना (उम्र 44 साल) को बहुत कम लोग जानते होंगे. कुछ माह पहले ही वह इंडोनेशिया के अखबारों में सूर्खियों में रही, जब वहां के विवादास्पद ईशनिंदा कानून के तहत उसे दो माह की सजा सुनायी गयी. सुमात्रा द्वीप की रहनेवाली इस महिला का ‘जुर्म' इतना ही था कि उसने अपने स्थानीय मस्जिद से दी जा रही अजान की तेज आवाज के बारे...
More »गांधी और कॉपीराइट का सवाल-- रामचंद्र गुहा
आर ई हॉकिंस ऐसे अंग्रेज थे, जिन्हें ज्यादा शोहरत तो नहीं मिली, लेकिन बतौर प्रकाशक उन्होंने अपनी जड़ें जमाईं और भारत में ही बस गए। दिल्ली के स्कूल में अध्यापन के लिए 1930 में भारत आए हॉकिंस असहयोग आंदोलन में स्कूल बंद हो जाने पर बंबई चले गए और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से जुड़ गए। 1937 में इसके महाप्रबंधक बने और अगले 30 साल तक इसे खासी सफलता से संचालित...
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