-डाउन टू अर्थ, उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में झांसी जिले के किसान सुबोध यादव पिछले तीन दशक से सफल किसान के रूप में अपनी फसलों से संतोषजनक पैदावार ले रहे थे। लेकिन पिछले पांच सालों में मौसम, खासकर बारिश के बदले मिजाज ने खरीफ की फसलों के उनके हिसाब किताब गड़बड़ा दिया है। इस साल उन्होंने बारिश के पहले अपने नौ बीघा खेत में दस हजार रुपए की लागत से तिल...
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उत्तराखंड: जंगल बचाने वाले ग्रामीणों का जंगल पर ही नहीं है कोई हक
-न्यूजलॉन्ड्री, मार्च-अप्रैल की तेज़ गर्मी में आग की लपटों से घिरे उत्तराखंड के जंगल बारिश के समय एक बार फिर हरे-भरे नज़र आने लगे हैं. जंगल की आग हर साल ही वन संपदा को बड़ा नुकसान पहुंचाती है. ग्रामीणों की मदद से ही ये आग बुझायी जाती है. लेकिन जंगल पर इन ग्रामीणों का कोई हक़ नहीं है. राज्य में एफआरए से जुड़े कई मामले अब भी लंबित हैं. क्या जंगल...
More »चक्रवात यास से तबाह हुए पश्चिम बंगाल के किसान
-कारवां, हर तरफ चेतावनी थी. सायरन और माइक्रोफोन बज रहे थे. सुंदरबन के बाली द्वीप के अन्य निवासियों की तरह परितोष विश्वास के पास भी अपना घर छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था. वह अपने परिवार के साथ पास की एक चट्टान पर बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. "हमने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा था," उन्होंने कहा और बताया, "पानी ने एक घंटे में गांव को अपनी चपेट...
More »सुंदरवन से निकला 10 टन प्लास्टिक, अभी सफाई जारी
-डाउन टू अर्थ, यास चक्रवात के बाद सुंदरवन के प्रभावित लोगों तक राहत सामग्रियां पहुंचाने के लिए कई एनजीओ आगे आये और उनकी तरफ से भोजन से लेकर पानी तक पहुंचाया गया। लेकिन इस राहत अभियान ने सुंदरवन के इको-सिस्टम पर भी बहुत असर डाला है। सुंदरवन की नदियां-तालाब व जमीन प्लास्टिक के बोतल, फुड पैकेट्स, पाउच आदि से भर गये। सुंदरवन का इलाका पश्चिम बंगाल के उत्तर व दक्षिण 24 परगना...
More »लक्षद्वीप : स्वर्ग-दोहन का लालच
-आउटलुक, “देश के सबसे छोटे केंद्र शासित सुरम्य द्वीप समूह में विकास के नाम पर पर्यावरण की बर्बादी का दु:स्वप्न” आसमान से देखने पर द्वीपों का यह समूह नारियल के घने पेड़ों से आच्छादित सीपों की लड़ी की तरह नजर आता है। यहां 36 द्वीप हैं। सबसे बड़ा पांच वर्ग किलोमीटर का है और सबसे लंबा द्वीप एक छोर से दूसरी छोर तक 10 किलोमीटर है। एक द्वीप भारत के एकमात्र प्रवाल...
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