वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जिस तरह जनगणना के जातिवार आंकड़ों के बारे में तत्काल सफाई दी और उसे लगभग ठंडे बस्ते में डाल दिया, उसके पीछे बड़ा कारण बिहार विधानसभा का चुनाव था। अब बिहार में जातिवार जनगणना के आंकड़ों की मांग बड़ा चुनावी मुद्दा बन गई है। कई लोग यह भी कहने लगे हैं कि जरूरी नहीं कि जातिवार आंकड़ों की मांग लालू-नीतीश की जोड़ी को फायदा पहुंचाए और...
More »SEARCH RESULT
पहले रेलवे को सुरक्षित तो बनाएं - घनश्याम सक्सेना
मध्य प्रदेश में हरदा जिले के पास कालीमाचन नदी की पुलिया जलप्लावन के कारण धंसने के फलस्वरूप जो रेल दुर्घटना हुई है, उसमें कामायनी एक्सप्रेस और जनता एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतरकर गिरने और जलमग्न होने की खबरें हैं। मुश्किल यह है कि इस भीषण त्रादसी के बाद राजनेताओं ने अपना सियासी रंग दिखाना शुरू कर दिया और राजनीतिकरण के इस धुंधलके में मूल मुद्दों के गुम हो...
More »वैश्विक संकट से लड़ने की रणनीति- भरत झुनझुनवाला
पिछले माह में विश्व अर्थव्यवस्था की तसवीर बदल गयी है. पहले ग्रीस (यूनान) का संकट आया. ग्रीस ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से लिये डेढ़ अरब डॉलर के ऋण का रिपेमेंट नहीं किया. आनेवाले समय में लगभग दस अरब डॉलर के ऋण का रिपेमेंट ड्यू होने को है, जिसका पेमेंट भी वह देश नहीं कर पायेगा. फिलहाल ग्रीस तथा यूरोपीय यूनियन के बीच समझौता हो गया है. यह समझौता टिकाउ नहीं होगा,...
More »अरविंद पनगढिया जैसे लोगों को हटायें पीएम नरेंद्र मोदी, देसी समझ वाले लोगों की सुनें : गोविंदाचार्
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक से होते हुए भारतीय जनता पार्टी में महासचिव का पद संभाल चुके केएन गोविंदाचार्य पिछले कई सालों से पार्टी से छुट्टी पर चल रहे हैं. वह राजनीति की मुख्यधारा से भले अलग हो गये हों, पर उनकी छवि देसी चिंतक -विचारक की है. उनके पास भारत को देखने-समझने का अपना ‘स्वदेशी' नजरिया है. हाल ही में गोविंदाचार्य से बातचीत की प्रभात खबर डॉट कॉम के...
More »आर्थिक मोर्चे पर बदले नहीं हालात - डॉ. भरत झुनझुनवाला
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का एक वर्ष पूरा होने को है, लेकिन अर्थव्यवस्था पूर्ववत शिथिल पड़ी हुई है। दुकानदारों की मानें तो बिक्री में 20 फीसदी की गिरावट आई है। प्रॉपर्टी डीलरों के अनुसार मोदी सरकार के आने के बाद दाम तीस प्रतिशत टूटे हैं। आश्चर्य है। आश्चर्य का कारण यह है कि शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार में निश्चित रूप से कमी आई है। स्पेक्ट्रम तथा कोयले...
More »