जब महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (MGNREGA) - एक मांग-संचालित कार्यक्रम पर सार्वजनिक धन का एक बड़ा हिस्सा खर्च किया जाता है, तो वित्तीय गड़बड़ी और कुप्रबंधन की संभावना होती है. शुक्र है कि ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून में इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए चेक और बैलेंस मौजूद हैं. यह ध्यान देने योग्य है कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (MGNREGA) के तहत 2020-21 के लिए...
More »SEARCH RESULT
कौन हैं वे किसान संगठन जो कृषि क़ानूनों पर मोदी सरकार को दे रहे हैं समर्थन?
-न्यूजलॉन्ड्री, 30 दिसंबर को केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बात होनी थी. ठीक उसके दो दिन पहले 28 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ‘फार्मर्स विथ मोदी’ हैशटैग के साथ ट्वीट करते हुए लिखा, ‘लखनऊ उत्तर प्रदेश के ‘‘राष्ट्रीय युवा वाहिनी’’ से प्राप्त नए कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में प्राप्त पत्र.’ यह पत्र 'राष्ट्रीय युवा वाहिनी' के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष हरीश गौतम द्वारा लिखा गया...
More »नोटबंदी के समर्थन में कई जिनकी किताब का हवाला देते हैं वे खुद इसे लेकर क्या सोचते हैं?
-सत्याग्रह, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके और इन दिनों हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे प्रोफेसर केन रोगॉफ को अर्थनीति के सबसे बड़े विचारकों में गिना जाता है. उनकी किताब ‘द कर्स ऑफ कैश’ (नकदी का शाप) के प्रकाशित होने के कुछ ही समय बाद मोदी सरकार ने नोटबंदी का ऐलान कर दिया था. इसका समर्थन करने वाले कई लोगों ने ‘द कर्स ऑफ कैश’ का भी हवाला...
More »सीबीआई एक ऐसा तोता है जिसे सभी राजनीतिक दल आजाद तो रखना चाहते हैं लेकिन तभी जब विपक्ष में हों
-सत्याग्रह, सीबीआई फिर सुर्खियों में है. दिल्ली की एक अदालत ने मोइन कुरैशी मामले की जांच के प्रभारी उसके संयुक्त निदेशक को एक समन भेजा है. इसमें उन्हें 17 नवंबर को पेश होने को कहा गया है. अदालत उनसे इस मामले में सीबीआई के पूर्व निदेशकों एपी सिंह और रंजीत सिन्हा की भूमिका के बारे में जानना चाहती है. वह इस हाई प्रोफाइल केस में जांच की धीमी गति से नाराज...
More »सब पर शक करो, सबको रास्ते पर लाओ! क्या यही हमारे नये ‘राष्ट्रीय शक्की देश’ का सिद्धांत बन गया है
-द प्रिंट, क्या हमारा दिमाग खराब हो गया है कि हम अपने देश को ‘राष्ट्रीय शक्की देश’ कह रहे हैं? अब आप गूगल में सर्च करने लगेंगे तो यह जुमला कहीं नहीं मिलेगा. यह वैसा मामला नहीं है जैसा हम पाकिस्तान और चीन को ‘नेशनल सिक्यूरिटी स्टेट’ (राष्ट्रीय सुरक्षित राज्य) कहते हैं, जहां क्रमशः फौज और पार्टी न केवल देश की सीमाओं की निगरानी करती है बल्कि राज्यतंत्र और नागरिकों की...
More »