मोनाश विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में सेंटर फॉर डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स एंड सस्टेनेबिलिटी के अर्थशास्त्रियों और नई दिल्ली स्थित मानव विकास संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक सर्वेक्षण आधारित शोध के अनुसार, महामारी की पहली लहर ने पिछले साल बिहार में ग्रामीण श्रमिकों (स्व-रोजगार सहित) की आजीविका पर विनाशकारी प्रभाव डाला था. अध्ययन के लेखकों द्वारा जारी एक हालिया प्रेसनोट से पता चलता है कि पिछले साल ग्रामीण बिहार में आजीविका...
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कई अध्ययन लेकिन एक निष्कर्ष - कोरोना लॉकडाउन ने देशव्यापी स्तर पर गरीबों को सबसे अधिक प्रभावित किया
सूखे राशन के प्रावधान के माध्यम से प्रवासी और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, सामुदायिक रसोई चलाने और 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना के उचित कार्यान्वयन से संबंधित भारत के सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले (कृपया यहां और यहां क्लिक करें) हमारे लिए किसी भी तरह से आश्चर्यजनक नहीं है. ज्यां द्रेज और अनमोल सोमांची द्वारा कुछ अध्ययनों की हालिया समीक्षा, जो बहु-राज्य सर्वेक्षणों (या...
More »स्वान रिपोर्ट: कोविड-19 की दूसरी लहर में भी प्रवासी मजदूर बेरोजगारी, कर्ज, भुखमरी और अनेकों अनिश्चितताओं में जीवन यापन करने के लिए मजबूर हुए!
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के रूप में, देश के लगभग 92 प्रतिशत श्रमिक (जिनके पास सामाजिक सुरक्षा जाल तक पहुंच नहीं है) एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं. एक साल से भी कम समय में लगातार दूसरी बार देश में लॉकडाउन हुआ है. 20 अप्रैल, 2021 को, देश भर के 10 राज्यों में आंशिक लॉकडाउन और दिल्ली में पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया. 8 मई, 2021...
More »मनरेगा में जातिगत एडवाइजरी: दलित-आदिवासी के लिए न रहेगा फंड, न मिलेगा रोजगार!
-जनपथ, इस वर्ष के अप्रैल माह में छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में मनरेगा में काम करने वाले दलित व आदिवासी समुदाय से जुड़े मजदूरों के लिए भुगतान का संकट खड़ा हो गया जबकि बाकी मजदूरों को भुगतान पहले की तरह ही हो रहा था। पूरे देश में हल्ला मचने के बाद यह पता चला कि यह अव्यवस्था मंत्री नरेंद्र तोमर के अधीन ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक ऐसी एडवाइजरी के कारण...
More »खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों से गरीब और प्रवासी मजदूरों को बचाने की अनकही चुनौती!
30 मई, 2021 को राष्ट्र के नाम अपने मन की बात संबोधन में, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस तथ्य की सराहना की कि किसानों को रबी उत्पादन से संबंधित "सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक" प्राप्त हुआ. पीएम के इस बयान से आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरियाणा (और अन्य जगहों) में सरसों उत्पादकों ने बेहतर कीमत पाने के लिए एपीएमसी मंडियों (राज्य...
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