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मानवीय है मातृत्व अवकाश में वृद्धि

आने वाला साल महिलाओं के लिए अच्छी खबर लेकर आएगा। उनका मातृत्व अवकाश 26 हफ्ते तक बढ़ने वाला है। पहले यह मात्र 12 हफ्ते का था। महिला एवं शिशु विकास मंत्रालय की मानें तो इस फैसले से प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत सभी कामकाजी महिलाएं लाभान्वित होंगी, भले ही वह संगठित हो या असंगठित। श्रम मंत्रालय की ओर से इस आशय के फैसले को हरी झंडी मिल चुकी है। हालांकि मंत्री...

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ताकि बदले औरतों का हाल-- मरियाना बाबर

साउथ एशिया वुमैन'स नेटवर्क (स्वान) दक्षिण एशिया के नौ देशों की विदुषियों, महिला सांसदों, नेत्रियों, विशेषज्ञों और महिला कार्यकर्ताओं का एक संगठन है। ये नौ देश हैं-अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका। यह संगठन मुख्यतः पर्यावरण, कला और साहित्य, शांति, स्वास्थ्य, पोषण और खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, शिल्प और वस्त्र, वित्त, आजीविका और उद्यम विकास तथा मीडिया में महिलाओं की भूमिका पर अपना ध्यान केंद्रित करता है।...

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मातृत्व अवकाश तो इनका हक है- ऋतु सारस्वत

कामकाजी महिलाओं के मातृत्व अवकाश को तीन से बढ़ाकर आठ माह करने के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रस्ताव को प्रधानमंत्री ने बेहतर करार दिया है। उम्मीद है कि जल्दी ही मैटरनिटी बेनिफिट ऐक्ट में संशोधन कर इस प्रस्ताव को अमली जामा पहनाया जाएगा। कामकाजी गर्भवती महिलाओं की सुविधाएं बढ़ाने के लिए फैक्टरी ऐक्ट और कंपनी मामलों से संबंधित कानून में संशोधन करने का अनुरोध भी किया गया है।...

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मातृत्व लाभ पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रदान किए मातृत्व संबंधी हकदारियों को लागू ना करने के बारे में पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को नोटिस जारी किया. नागरिक संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के इस कदम का स्वागत किया है. मातृत्व संबंधी हकदारियों को लागू करने के संबंध में भारत सरकार को नोटिस न्यायमूर्ति मदन लोकुर और यूयू ललित की पीठ ने जारी किया. नोटिस पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी(पीयूसीएल)...

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गरीबी से जंग के भोथरे हथियार- रीतिका खेड़ा

पिछले दिनों न्यूयॉर्क टाइम्स में (अमर उजाला में भी, 24 जुलाई) प्रकाशित अपने लेख में सरकार के आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन और अर्थशास्त्री सिद्धार्थ जॉर्ज ने नकद हस्तांतरण को लेकर कुछ ज्यादा ही सरल और आशावादी विश्लेषण पेश किया। मगर नकद हस्तांतरण की मौजूदा व्यवस्‍था में इतनी त्रुटियां है, जिन्हें दूर किए बगैर खाद्य हस्तांतरण को नकद व्यवस्‍था में बदलने का सपना देखना बड़ी भूल होगी। जबकि 'जेएएम' (जैम-जनधन, आधार,...

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